75 साल बाद राजधानी दिल्ली में दिल्ली में स्थित लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर संसद भवन आज अतीत के पन्नों में समाहित हो गया। करीब 6 महीने में अगला लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि वर्तमान में जो राज्यसभा और लोकसभा सांसद हैं उनके लिए पुराने संसद भवन से नई संसद भवन में आना जिंदगी भर यादगार रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम केंद्रीय मंत्री, पक्ष और विपक्ष के सांसद इस मौके पर भावुक नजर आए। पुरानी संसद का आज आखिरी दिन रहा। आज देशभर में गणेश चतुर्थी भी है। बहुत ही शुभ अवसर पर आज नई संसद भवन में प्रवेश हुआ है। PM मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नई संसद गए। सभी सांसद साथ-साथ चले। इससे पहले पुरानी इमारत के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह रखा गया। यह करीब दो घंटे चला। PM नरेंद्र मोदी ने 38 मिनट की स्पीच दी। कहा कि ये सदन ऑर्टिकल 370, तीन तलाक, GST जैसे बड़े फैसलों के लिए याद रखा जाएगा।
उन्होंने पुरानी बिल्डिंग का नाम ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव रखा। आज सुबह संसद के पुराने भवन में सभी सांसद इकट्ठा हुए और फोटो सेशन हुआ। इसके बाद नए संसद में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सेंट्रल हॉल में एक समारोह हुआ। सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम के समापन के बाद नई संसद में सांसदों ने प्रवेश किया। संसद का विशेष सत्र चल रहा है। आज सत्र का दूसरा दिन है। सत्र की कार्यवाही आज से नए संसद भवन में शुरू हो चुकी है।
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इससे पहले पुरानी संसद में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का एक साथ फोटो शूट हुआ और फिर पीएम मोदी के साथ सभी सांसद पदयात्रा करते हुए नई संसद पहुंचे। इसमें पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मौजूद रहे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब हम नए संसद भवन में प्रवेश कर रहे हैं, जब संसदीय लोकतंत्र का ‘गृह प्रवेश’ हो रहा है, तब यहां पर आजादी की पहली किरण का साक्षी है और जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। पवित्र सेंगोल- ये वो सेंगोल है जिसको भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने छुआ है, इसलिए हमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण अतीत से जोड़ता है।
पीएम मोदी ने कहा कि सभी सांसद नई संसद में अनुशासन का पालन जरूर करें क्योंकि देशवासी हमें देखते हैं। विपक्षी सांसदों का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन में जैसा आपका व्यवहार होगा वह तय करेगा कि आपको इधर बैठना है या उधर बैठना है।
जनता सबको देख रही है।
सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। अनेक अवसरों पर दोनों सदनों ने भारत के भाग्य को लेकर निर्णय किए। अभी तक लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर करीब-करीब 4 हजार से अधिक कानून पास किए हैं।
नए संसद भवन में जाने के पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विदाई कार्यक्रम रखा गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये भवन ये सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है।
हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के लिए इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा कि बाद में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई और उसके बाद हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया। यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। उस प्रक्रिया का यह हॉल साक्षी है। हम सबका सौभाग्य है कि हमें सदन में आर्टिकल 370 से मुक्ति पाने का मौका मिला। ऐसी कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम रही है।
इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी चल पड़ी थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया। मैंने लालकिले से कहा था- यही समय है, सही समय है। एक के बाद बाद एक घटनाओं पर हम नजर डालेंगे तो आज भारत एक नई चेतना के साथ फिर से जाग उठा है। भारत नई ऊर्जा से भर चुका है।
यह चेतना यही ऊर्जा इस देश के करोड़ों लोगों को संकल्प से सिद्धि की ओर चला सकती है। हम गति जितनी तेज करेंगे परिणाम उतने तेज मिलेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों ने सुबह सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन कराया। इस दौरान PM मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे।
आज नई संसद में महिला आरक्षण बिल पेश होगा। पीएम मोदी की कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। पीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण को मंजूरी दी गई है।
विशेष सत्र के बीच सोमवार को मोदी कैबिनेट से महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द इसे लोकसभा में पेश कर सकती है।
यह पहला मौका नहीं है, जब महिला आरक्षण बिल सदन के पटल पर आएगा। 1996 से 27 साल में कई बार यह अहम मुद्दा संसद में उठ चुका है। लेकिन दोनों सदनों में पास नहीं हो सका। 2010 में तो हंगामे के बीच राज्यसभा में पास भी हो गया था। लेकिन लोकसभा से पारित नहीं हो सका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया।
लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उसके कारण वह सपना आधूरा रह गया। महिला को अधिकार देने का उनकी शक्ति को आकार देने का काम करने के लिए भगवान ने मुझे चुना है। पीएम मोदी ने महिला आरक्षण को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया है।