महाराष्ट्र राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने आज अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। शरद पवार ने मुंबई में मंगलवार को 24 साल से विराजमान एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता आवाक रह गए। सबसे बड़ी बात यह है कि शरद पवार ने पिछले दिनों एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के संकेत दिए थे लेकिन इतनी जल्दी वे इस्तीफा दे देंगे पार्टी के नेताओं ने सोचा भी नहीं था। शरद पवार को महाराष्ट्र राजनीति में सबसे कद्दावर नेता माना जाता है। महाराष्ट्र की राजनीति के साथ पवार ने केंद्र की भी सियासत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 82 वर्षीय शरद पवार के इस्तीफे के बाद कौन नया अध्यक्ष बनेगा पार्टी में हलचल शुरू हो गई है। पवार के इस्तीफे के एलान के बाद कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ता भावुक हो गए और नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता और नेता उनसे पद पर बने रहने की अपील कर रहे थे। इस बीच अजित पवार प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे। सुप्रिया सुले भी अजित पवार के साथ कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंची। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध लगातार जारी रहा। एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण अपने वरिष्ठ नेता की घोषणा के बाद रो पड़े, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की। पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया। पवार ने कहा कि वो इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने इसकी वजह नहीं बताई है। शरद पवार ने कहा, कई साल तक मुझे राजनीति में पार्टी को लीड करने का मौका मिला है। इस उम्र में आकर ये पद नहीं रखना चाहता। मुझे लगता है कि और किसी को आगे आना चाहिए। पवार ने कहा कि 1 मई, 1960 से शुरू हुई यह सार्वजनिक जीवन की यात्रा पिछले 63 सालों से बेरोकटोक जारी है। इस दौरान मैंने महाराष्ट्र और देश में अलग अलग भूमिकाओं में सेवा की है। पवार ने कहा, मेरा राज्यसभा कार्यकाल तीन साल का बचा है। इस दौरान मैं कोई पद न लेते हुए महाराष्ट्र और देश से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा। पार्टी के नेताओं को ये फैसला करना होगा कि अब पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा? शरद पवार आखिरी बार 2022 में ही चार साल के लिए अध्यक्ष चुने गए थे। बता दे कि शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के अध्यक्ष थे। एनसीपी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, एनसीपी के देश में अभी 9 सांसद हैं। इनमें लोकसभा के 5 और राज्यसभा के 4 मेंबर शामिल हैं। वहीं, देशभर में पार्टी के 57 विधायक हैं। महाराष्ट्र में 54, केरल में 2 और गुजरात में 1 विधायक शामिल हैं। बता दें कि 1977 के आम चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी कांग्रेस (यू) और कांग्रेस (आई) में बंट गई। शरद पवार कांग्रेस (यू) में शामिल हुए। 1978 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों हिस्सों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। लेकिन, राज्य में जनता पार्टी को रोकने के लिए साथ मिलकर सरकार बनाई। कुछ ही महीनों बाद शरद पवार ने कांग्रेस (यू) को भी तोड़ दिया और जनता पार्टी से जा मिले। जनता पार्टी के समर्थन से पवार 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन गए। उस वक्त वो राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे। हालांकि, 1986 में शरद पवार फिर कांग्रेस में शामिल हुए और 26 जून 1988 से लेकर 25 जून 1991 के बीच दो बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 1999 में शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का विरोध किया। तीनों का कहना था कि प्रधानमंत्री देश का ही व्यक्ति बने। इस वजह से तीनों को पार्टी से निकाल दिया गया और तीनों ने मिलकर 25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया। हालांकि, इसके बाद लगातार 15 साल तक महाराष्ट्र में राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार रही।