राजधानी दिल्ली में सुबह से ही सियासी पारा गरम हो गया है। इसकी वजह यह है कि संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। इस मानसून सत्र के लिए इस बार भाजपा, एनडीए और विपक्ष कांग्रेस ने अपने 26 सहयोगी दलों के साथ बनाया नया दल “इंडिया” जोश में है। हालांकि एनडीए के पास भी है 38 सहयोगी दल है। सही मायने में करीब 20 दिनों तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र में 26 विपक्षी और एनडीए के 38 सहयोगी दल आमने-सामने होंगे। हालांकि 1 दिन पहले बुधवार 19 जुलाई को राजधानी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह आखिरी मानसून सत्र है। पिछले दिनों कांग्रेस ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 26 सहयोगी दलों के साथ महा बैठक की थी। इस बैठक के बाद विपक्ष के तेवर तीखे दिखाई दे रहे हैं। हालांकि विपक्ष को जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 28 जुलाई को राजधानी दिल्ली में 38 एनडीए सहयोगी दलों की मैराथन बैठक भी की थी। इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने विपक्षियों पर कड़ा प्रहार भी किया।
संसद सत्र के दौरान कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी नेता केंद्र सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगने को तैयार है। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने का एलान कर अपने तेवर पहले ही स्पष्ट कर दिया है। वहीं सरकार की ओर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। बता दें कि सत्र शुरू होने से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन के नेताओं की बैठक में सत्र को सुचारू रुप से चलाने के लिए सबका सहयोग मांगा। विपक्ष की मांग पर केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने को तैयार हो गई है। इस बैठक से एक दिन पहले सभी विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में हुई मीटिंग में INDIA नाम से नए गठबंधन का एलान किया। इसमें 26 दल शामिल हैं। विपक्षी दलों का नया गठबंधन मानसून सेशन में मणिपुर हिंसा, दिल्ली अध्यादेश, राहुल गांधी की सदस्यता रद करने जैसे मुद्दों पर केंद्र को घेरने की कोशिश करेगा। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड और अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी से जांच की मांग जैसे मुद्दों पर भी बहस हो सकती है।
बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन का स्वरूप देने वाले विपक्ष के एकजुटता की भी मानसून सत्र में पहली परीक्षा होगी। वैसे एकजुट विपक्ष के लिए भी इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक को दोनों सदनों से पास होने से रोकना मुश्किल होगा। सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में सरकार की ओर से 31 विधेयक पेश किये जाएंगे। इनमें दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल के अलावा एक फिल्म पाइरेसी को रोकने के कानून का ड्राफ्ट भी शामिल है। वहीं दूसरी ओर आज सुबह मानसून सत्र से कुछ देर पहले संसद परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास संदेश दिया। “मानसून सत्र में आप सभी का स्वागत है। सावन का पवित्र मास चल रहा है। सावन मास पवित्र संकल्प और पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। मुझे विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे। संसद और हर सांसद की जो जिम्मेवारी है, ऐसे अनेक कानूनों को बनाना और उसपर चर्चा करना बहुत आवश्यक है। चर्चा जितनी पैनी होती है उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं”: मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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मोदी सरकार संसद सत्र के दौरान इन महत्वपूर्ण विधायकों को करा सकती है पारित—
- दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 (अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने के लिए।)
- चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2019
- डीएनए प्रौद्योगिकी ( प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019
- मध्यक्ता विधेयक, 2021
- जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022
- बहुराज्यीय सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022
- निरसन और संशोधन विधेयक, 2022
- जन विश्वास ( उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2023
- वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023
- हिमाचल प्रदेश राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022
- छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022
- डाक सेवा विधेयक, 2023
- राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2023
- प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक, 2023
- डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और बैंक विधेयक, 2023
- करों का अनंतिम संग्रह विधेयक, 2023
- राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023
- राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक, 2023
- औषधि, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक, 2023
- जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023
- जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023
- चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023
- प्रेस और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023
- अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023
- रेल (संशोधन) विधेयक, 2023
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023
- संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023
- संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023
- संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023