हरियाणा विधानसभा चुनाव से 2 दिन पहले गुरुवार को राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार की आयोजित कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई। इस कैबिनेट बैठक में रेल कर्मचारी और किसानों का विशेष ध्यान रखा गया। मोदी कैबिनेट ने दिवाली से पहले जहां किसानों की आय बढ़ाने के लिए दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है तो वहीं रेलवे कर्मचारियों को भी बोनस देने पर सहमति जताई गई है। बैठक में लिए गए फैसलों की विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अलावा किसानों से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा चेन्नई मेट्रो फेज-2 को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11.72 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों के कार्यकुशलता से जुड़े बोनस के भुगतान को मंजूरी दे दी। यह राशि रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों को दी जाएगी। कार्यकुशलता से जुड़े बोनस का भुगतान रेलवे के कार्यक्षमता में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली दो बड़ी कृषि योजनाओं को मंजूरी दी। इन योजनाओं के नाम ‘पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषोन्नति योजना’ (केवाई) हैं। मंत्रिमंडल ने टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए पीएम-आरकेवीवाई और आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिए कृषोन्नति योजना को मंजूरी दी। इन दोनों कृषि योजनाओं पर कुल मिलाकर 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके मुताबिक, मंत्रिमंडल ने कृषि मंत्रालय के तहत संचालित होने वाली सभी केंद्र-प्रायोजित योजनाओं को दो विस्तृत योजनाओं में युक्तिसंगत बनाने की मंजूरी दी है।भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है। भारत अपनी खाद्य तेल की वार्षिक जरूरत का 50 प्रतिशत से अधिक आयात करता है।
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