भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने आज दो राज्यों के बीच बड़ा मामला सुलझा दिया है। दो प्रदेशों के बीच यह एक ऐसा विवाद था जो 50 सालों से चला आ रहा था। हालांकि गृह मत्री अमित शाह इस विवाद को निपटाने के लिए एक साल से लगे हुए थे। आज उनका मुकाम पूरा हो गया। हम बताने जा रहे हैं देश के दूसरे छोर पूर्वोत्तर राज्य के मेघालय और असम के बीच 1972 से चला आ रहा सीमा विवाद की । सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई बार हिंसक घटनाएं भी हो चुकी हैं। अमित शाह की पहल पर आज असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा राजधानी दिल्ली पहुंचे। गृहमंत्री की मौजूदगी में दोनों राज्यों के बीच एक ऐतिहासिक करार हुआ है। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच 70 प्रतिशत सीमा आज विवाद से मुक्त हो गई है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने बताया कि आगे का विवाद ही हम बातचीत के जरिए सुलझा लेंगे। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अमित शाह को धन्यवाद दिया है। इस मीटिंग को लेकर मेघालय और असम के लोग भी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। गौरतलब है कि मेघालय को 1972 में असम से अलग राज्य के रूप में बनाया गया था और इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे साझा 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से जुड़े विवाद पैदा हुए थे। दोनों राज्यों के बीच 50 वर्षों से सीमा विवाद चला आ रहा है। असम के साथ मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश की विवादास्पद सीमाओं को लेकर भी अब तक कई बार हिंसक झड़प भी हुई है। पिछले साल 26 जुलाई को असम-मिजोरम सीमा पर अब तक की सबसे भीषण हिंसा में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी और दोनों पड़ोसी राज्यों के लगभग 100 नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इन दोनों राज्यों ने 12 विवादित स्थानों में से छह में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इसी साल 29 जनवरी को एक अंतर-राज्य सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक की थी। उसके बाद आज एक बार फिर से दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री गृह मंत्री अमित शाह से सीमा विवाद को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। अब उम्मीद जताई जा रही है कि मेघालय और असम के बीच सीमा विवाद खत्म हो जाएगा।