प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिन के दौरे पर पहले तेलंगाना उसके बाद शाम को तमिलनाडु पहुंचे। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पीएम मोदी ने 31 हजार करोड़ के परियोजना की लॉन्चिंग की। कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी मौजूद थे। इस मौके पर सीएम स्टालिन ने एक बार फिर से तमिल भाषा का राग अलापा। स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैं अपील करता हूं, हम पर हिंदी मत थोपिए, तमिल को भी हिंदी के बराबर समझिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तमिल को एक आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। एमके स्टालिन ने कहा कि हम दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे, लेकिन अपने अधिकारों के लिए आवाज भी उठाएंगे। हमारी भाषा तमिल को भी हिंदी की तरह समान अधिकार मिले, औपचारिक भाषा की मान्यता मिले। इसके बाद प्रधानमंत्री ने भी स्टालिन को जवाब देते हुए कहा कि
‘तमिल भाषा शाश्वत है और तमिल संस्कृति वैश्विक है. चेन्नई से कनाडा तक, मदुरै से मलेशिया तक, नमक्कल से न्यूयॉर्क तक, सलेम से दक्षिण अफ्रीका तक, पोंगल और पुथांडु के अवसरों को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है’ । इससे पहले गुरुवार दोपहर को प्रधानमंत्री ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बता दें कि आईएसबी के 20 साल पूरे हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस एशिया में टॉप बिजनेस स्कूल में शामिल है। यहां के छात्रों ने कई स्टार्टअप बनाए। यह आईएसबी के लिए उपलब्धि और देश के लिए गौरव की बात है। बता दें कि दक्षिण भारत में तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहां हिंदी का शुरू से ही सबसे ज्यादा विरोध होता आ रहा है।