देहरादून। राज्य के जौहरी गांव स्थित ‘गोदाम्बरी इंटरप्राइसेस हैंडलूम’ का आज राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल तथा जिला उद्योग केंद्र, देहरादून की टीम निरीक्षण किया। इस दौरान उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त रहे जगदीश प्रसाद ममगाई और ओएनजीसी से सेवानिवृत्त हर्षमणि व्यास जी भी उपस्थित रहे। इस मौके पर राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने कहा कि हमें आज के बाजार के अनुरूप मॉडल तैयार करने होंगे। बढ़ती मांग को देखते हुए हमें बदलाव के साथ चलना होगा।” प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की अगुवाई में हथकरघा के क्षेत्र में नव निर्मित कार्य किए जा रहे है भेड़ पालकों से लेकर हथकरघा के काश्तकारों के हित में सरकार काम कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उत्पादों की पैकेजिंग, डिजाइन और ग्राहकों तक पहुंच को बाजार की डिमांड के अनुरूप अनुकूलित करना अत्यंत आवश्यक है। राज्यमंत्री ने कहा कि इसकी उचित दिशा-निर्देशन, तकनीकी सहायता और बाज़ार-उन्मुख सोच से आर्थिक वृद्धि में योगदान देगा और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाएगा। वहीं गोदाम्बरी एंटरप्राइसेस के अध्यक्ष सुशील नौटियाल ने हैंडलूम की उत्पादन प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि कैसे यहां सांकृतिक रूप से समृद्ध परंपराओं को समकालीन तकनीक के साथ जोड़ा जा रहा है l
निरीक्षण के दौरान राज्य मंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने दिए यह प्रमुख सुझाव
- उत्पादन क्षमता : स्थानीय कारीगरों द्वारा मासिक उत्पादन की वर्तमान क्षमता का आंकलन।
- डिज़ाइन इनपुट : बाज़ार में प्रचलित ट्रेंड्स का समावेश एवं आधुनिक रंग -संयोजन ।
- गुणवत्ता तथा ब्रांडिंग प्रतिस्पर्धी : बाजार में जगह बनाने हेतु गुणवत्तापूर्ण सामग्री, सशक्त ब्रांडिंग और पैकेजिंग तक पहुंच ।
- तकनीकी समर्थन और प्रशिक्षण : जिला उद्योग केंद्र द्वारा समय-समय पर जनशक्ति को तकनीकी प्रशिक्षण देते रहने का आश्वासन
- 1. नए डिज़ाइन व रंगों के साथ नमूने तैयार करना : ताकि बाजार की पसंद के अनुसार तत्काल प्रतिक्रिया हासिल की जा सके।
- 2. सशक्त ब्रांडिंग अभियान : ‘हैंडलूम’ उत्पादों को स्थानीय और ऑनलाइन बाज़ारों में पहचान दिलाने हेतु निरंतर प्रचार व मार्केटिंग।
- 3. प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग : जिला उद्योग केंद्र द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन, साथ ही प्रौद्योगिकीय सहायता उपलब्ध कराना।