इस बार हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। करीब ढाई महीने से लगातार बारिश, प्राकृतिक आपदा हिमाचल में कहर बरपा रही है। चारों तरफ तबाही का मंजर लोगों को डरा रहा है। वहीं राज्य के अधिकांश जिलों में भारी नुकसान हुआ है। शनिवार, 19 अगस्त को एक बार फिर मौसम विभाग ने अगले 21 से 23 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस बार हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बारिश ने कई ऐतिहासिक और मजबूती इमारत को भी ढहा दिया। कई इमारतें और पुल भरभरा कर बह गए।
सोशल मीडिया पर इमारतों को भरभरा कर गिरते हुए देखा गया। वहीं दूसरी ओर लगातार जारी बारिश के बाद शिमला समेत कई घरों में पानी भरा है। बारिश की वजह से शिमला के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों ने घरों से पलायन भी शुरू कर दिया है। हिमाचल में बारिश और भूस्खलन की वजह से अब तक 335 लोग काल के गाल में समा गए हैं। इसके अलावा राज्य में 324 लोग अलग-अलग घटनाओं में घायल भी हुए हैं। वहीं 37 लोग अभी भी लापता हैं।
हिमाचल प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 8014.61 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। भारी बारिश ने 2 हजार 22 घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इसके अलावा 9 हजार 615 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है। प्रदेश में 296 दुकान और 4 हजार 453 पशु घर बह गए। हिमाचल में 24 जून से लेकर अब तक 113 भूस्खलन और 58 फ्लैश फ्लड की घटनाएं भी रिकॉर्ड की गई हैं। 24 जून से हिमाचल प्रदेश में कुदरत अपना कहर बरपा रही है। अब तक 335 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब इतने ही लोग घायल हुए हैं।
राज्य को 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। शुक्रवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को पूरे राज्य को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने कहा कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के साथ ही बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की संख्या 75 हो गई है। इनमें से 22 लोगों की मौत शिमला में समर हिल में स्थित शिव मंदिर, फागली और कृष्णानगर में हुए भूस्खलन में हुई। छह लोगों के अब भी मंदिर के मलबे में दबे होने की आशंका है।