आज हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। एक ऐसी तकनीक जो विदेशों में डॉक्टरों द्वारा खूब आजमाई जाती है। आज सोमवार 11 अगस्त को “अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान” (AIMSS) चमियाणा को रोबोटिक सर्जरी करने वाला प्रदेश का पहला स्वास्थ्य संस्थान बनेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसका उद्घाटन करेंगे। महेंद्र पाल की प्रोस्टेट की सर्जरी की जानी है। रोबोटिक सर्जरी न केवल अधिक सटीक होती है, बल्कि मरीज के जल्द स्वस्थ होने की संभावना भी बढ़ाती है। इस सर्जरी को करने में तीन से चार घंटे का समय लगता है।
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार इस तकनीक से किसी भी मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा। इस तकनीक से 4 जटिल ऑपरेशन किए जाएंगे। इनमें एक प्रोस्टेट कैंसर, दो किडनी ट्यूमर और एक मरीज की नॉन फंक्शनिंग किडनी की सर्जरी होनी है।
AIMSS चमियाणा में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनंत कुमार की देखरेख में AIIMS चमियाणा के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पंपोष रैना और डॉ. नवीन कौंडल इस तकनीक का संचालन करेंगे। इस तकनीक से यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, गायनाकोलॉजी विभाग की सर्जरी की जाएगी। रोबोटिक सर्जरी एक न्यूनतम आक्रामक शल्य चिकित्सा तकनीक है जिसमें डॉक्टर रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके सर्जरी करते हैं। इसमें, डॉक्टर एक कंसोल (कंट्रोल स्टेशन) पर बैठकर रोबोटिक भुजाओं को नियंत्रित करते हैं, जो सर्जिकल उपकरणों और एक हाई-रिजोल्यूशन कैमरे से लैस होती हैं। यह तकनीक डॉक्टरों को अधिक सटीकता, लचीलापन और नियंत्रण के साथ जटिल सर्जरी करने में मदद करती है। हाई रिजोल्यूशन कैमरे से शरीर के अंदरूनी अंगों को बेहतर ढंग से देखने में मदद मिलती है।

इस तकनीक से ऑपरेशन के बाद मरीज जल्दी रिकवर हो जाता है। पुरानी तकनीक से ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक तकनीक से छोटे चीरों के माध्यम से सर्जरी की जाती है, जिससे दर्द और रक्तस्राव कम होता है। चमियाणा अस्पताल में 42 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें यूरोलाजी, रीनल ट्रांसप्लांट, कार्डियक एनेस्थीसिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस), कार्डियोलाजी, पीडियाट्रिक सर्जरी और न्यूरोसर्जरी के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद शामिल है।