हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा चुनाव से चंद महीनों पहले शनिवार को महत्वपूर्ण कानून के संशोधन के लिए विधानसभा में मंजूरी दे दी। बता दें कि मानसून सत्र के आखिरी दिन सीएम ठाकुर ने विधानसभा चुनाव से पहले आक्रामक और बड़ा फैसला लिया है। यह सीधे ही धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। अब हिमाचल में धर्म परिवर्तन कानून को और कड़ा कर दिया गया है। अब अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति ने अगर धर्म परिवर्तन किया तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। आरक्षण के लाभ छोड़ने के लिए संबंधित शख्स को एफिडेविट देना होगा। विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने खूब शोर शराबा भी किया। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच इससे जुड़े कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी। शनिवार को विधानसभा के मानसून सत्र में पास किए गए धर्मांतरण संबंधी नए एक्ट का नाम “हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक” है। संशोधित कानून के अनुसार अब जबरन या किसी तरह के लालच से सामूहिक धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। अब यदि 2 या उससे ज्यादा व्यक्तियों ने धर्म परिवर्तन किया तो उसे सामूहिक धर्म परिवर्तन माना जाएगा। पकड़े जाने पर सभी को 10 साल की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा कानून एक लाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।
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