पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में बुधवार 28 जून की शाम को भगवान जगन्नाथ यात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया है। बता दें कि त्रिपुरा के उनाकोटि जिले में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जा रही थी। शाम करीब 5 बजे जगन्नाथ यात्रा का रथ हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। इससे दो बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 18 लोग झुलस गए। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
यहां पर भगवान जगन्नाथ के ‘उल्टा रथ यात्रा’ उत्सव मनाया जा रहा था। जिसमें भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की। रथ यात्रा भी निकाली जा रही थी। लोहे से बने विशाल रथ को हजारोंं लोग अपने हाथों से खींच रहे थे। इसी दौरान लोहे का रथ रास्ते से निकले बिजली के हाई टेंशन तारों से जा टकराया।
रथ में तेज करंट फैल गया और दो दर्जन के करीब लोग करंट की चपेट में आ गए। करंट के कारण 7 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग झुलस गए है। जिन लोगों की मौत हुई है उनके शरीर में आग लग गई थी। लोग चीख रहे थे और उनके सामने शव में आग लगी हुई थी। लोग चाह कर भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। घटना के बारे में पुलिस, फायर ब्रिगेड को जानकारी दी गई। वहीं, झुलसे हुए लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। पुलिस ने बताया कि यह घटना भगवान जगन्नाथ के ‘उल्टा रथ यात्रा’ उत्सव के दौरान कुमारघाट इलाके में शाम करीब साढ़े चार बजे हुई। राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हादसे में कई तीर्थयात्रियों की जान चली गई। वहीं, कई लोग घायल हैं। मैं इस घटना से दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं। इस मुश्किल वक्त में राज्य सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।
उल्टा रथ यात्रा त्रासदी | त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को तत्काल 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की, जबकि 60% से अधिक जले हुए व्यक्तियों को 2.50 लाख रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, 40 से 60% तक जले हुए लोगों को 74,000 रुपये दिए जाएंगे: त्रिपुरा सीएमओ