आज हम बात करेंगे न्यूज चैनलों में होने वाली डिबेट के बारे में। देश में हर शाम किसी ज्वलनशील विषय पर राष्ट्रीय स्तर के कई चैनल ऐसे हैं जो न्यूज स्टूडियों में पैनलिस्टों को बुलाकर डिबेट कराते हैं। कभी-कभी यह डिबेट इतनी खतरनाक हो जाती है कि लाइव डिबेट के दौरान गाली गलौज और मारपीट की घटनाएं भी हो जाती हैं। पक्ष और विपक्ष के लोग बहस के दौरान अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और एक दूसरे से भिड़ जाते हैं। बहस को भड़काऊ बनाने के लिए एंकर हमेशा, अधकचरे, धर्मांध और छिछोरे सवाल पूछता है। मौलाना इस पर भड़क जाते हैं। मौलाना के भड़कने की प्रतिक्रिया में बाकी पैनलिस्ट भी भड़क जाते हैं। ऐसे ही आज शाम 9 जून को एक राष्ट्रीय स्तर के न्यूज़ चैनल News18 India की डिबेट में हुआ। शो एंकर अमन चोपड़ा थे। पैनलिस्ट मुस्लिम थे। “हूरों” को लेकर बहस चल रही थी। इसी विषय पर बहस तेज हो गई। गर्मी ऐसी बढ़ी कि महिला पैनलिस्ट और शोएब जमेई की बीच हाथापाई हो गई। महिला ने शोएब जमीन की धुनाई कर दी। कुर्सी फेंक दी गई। लाइव डिबेट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा- बंद कीजिए, ये नौटंकी। राष्ट्रीय टीवी चैनल का क्या हाल बना दिया है। अब आइए जानते हैं न्यूज 18 इंडिया शो में महिला द्वारा पीटे गए शोएब जमेई के बारे में। 33 वर्षीय शोएब जमेई 2018 से नियमित तौर पर टीवी की बहसों में शामिल हो रहे हैं। इनके नाम पर गाली गलौज, भड़काऊ बयानबाजी और मोदी विरोध आदि दर्ज है। शोएब जमेई कई न्यूज़ चैनलों के पसंदीदा पैनलिस्ट हैं। न्यूज़18, आज तक, रिपब्लिक भारत, न्यूज़ नेशन, एबीपी न्यूज़, टाइम्स नाउ नवभारत जैसे चैनलों के प्राइम टाइम डिबेट शो में शोएब जमेई को मुस्लिम स्कालर या मुस्लिम चिंतक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। कभी-कभी उनको आईएमएफ के अध्यक्ष के तौर पर भी प्रस्तुत किया जाता है, जबकि शोएब किसी भी स्तर पर इस्लामिक अध्ययन के विशेषज्ञ नहीं हैं। उनकी पूरी पढ़ाई बायो टेक्नोलॉजी में हुई है।
शोएब जमेई रियल स्टेट और कैफे का बिजनेस करते हैं। उनके मुताबिक न तो वो मौलाना हैं और न ही हाफिज. शोएब मूल रूप से झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले हैं। उनकी स्कूली शिक्षा गिरिडीह के डीएवी पब्लिक स्कूल में हुई। उनका कहना है कि वह स्कूली शिक्षा के दौरान मदरसे में भी जाते थे। वह कहते हैं, “मेरे पिता तबलीगी जमात से जुड़े थे, इसलिए मैं भी तबलीगी जमात से जुड़ गया। बंगलौर विश्वविद्यालय से बायो टेक्नोलॉजी में स्नातक करने के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय आ गया। यहां से पीएचडी के दौरान मैंने कुछ साथियों के साथ मिलकर 2016 में इंडियाज मुस्लिम फाउंडेशन बनाया। इसके बाद मैं 2017 में राष्ट्रीय जनता दल का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बना। जमेई बताते हैं, “आरजेडी में रहते हुए ही इंडिया इस्लामिक सेंटर में एक प्रोग्राम हुआ, जिसमें मेरे भाषण के बाद मुस्लिम समाज के लोग मेरे पास आए और उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं टीवी डिबेट में जाऊं। चूंकि टीवी डिबेट में मुस्लिम समाज से जो लोग जाते हैं वह मुस्लिम समाज का पक्ष सही से रख नहीं पाते, जिसकी वजह से मुस्लिम समाज को बदनामी झेलनी पड़ती है।
शोएब टीवी पर आरजेडी की तरफ से नहीं बल्कि अपनी संस्था इंडियाज मुस्लिम फाउंडेशन की तरफ से जाते हैं। जमेई बड़े गर्व से बताते हैं, “टीवी डिबेट में शामिल होने के शुरुआती तीन से चार महीनों के भीतर ही उन्होंने प्राइम टाइम पैनल में जगह बना ली, और तमाम मेनस्ट्रीम चैनलों के प्राइम टाइम शो में उन्हें बुलाया जाने लगा। इस दौरान वो सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन से भी जुड़े। 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले शोएब की मुलाकात बिहार से सांसद पप्पू यादव से हुई। इसके बाद जमेई आरजेडी छोड़ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) में शामिल हो गए, जहां उन्हें सीमांचल की जिम्मेदारी दी गई। लगभग दो साल तक पार्टी से जुड़े रहने के बाद कुछ महीने पहले शोएब ने इस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया। गौरतलब बात है कि 2017 से लेकर 2022 तक शोएब ने दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े होने के बावजूद भी टीवी डिबेट के चैनलों ने उनके राजनीतिक संबंधों का जिक्र नहीं किया। उन्हें हमेशा मुस्लिम चिंतक या मुस्लिम स्कॉलर के तौर पर ही पेश किया गया। फिलहाल शोएब जमेई किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। दिल्ली के जामिया इलाके में रहकर रियल स्टेट व कैफे का बिजनेस चला रहे हैं, साथ ही वे जामिया मिलिया इस्लामिया से पोस्ट डॉक्टरेट भी कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से इस्लामिक अध्ययन में एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी किया है।