सोमवार की रात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही हुई। इसके साथ 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई लापता हैं। देहरादून में राहत-बचाव कार्य जारी है। देहरादून में अभी बादल फटने और भारी तबाही से धामी सरकार, प्रशासन संभल भी नहीं पाया था कि कल रात (बुधवार की रात) एक बार फिर चमोली में बादल फट गया। बुधवार देर रात चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फट गया, जिसने पूरे इलाके में तबाही मचा दी है।
आपदा के कारण कई घर, खेत और खलिहान पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, नगर पंचायत नंदानगर के कुंतरी लंगाफली वार्ड में भारी बारिश के साथ आए मलबे ने 6 घरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। इस दुखद घटना में 5 लोग लापता हैं, जबकि 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी और राहत-बचाव दल तत्काल मौके पर पहुंच गए हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। मौके पर मेडिकल टीम पहुंच चुकी है और तीन 108 एम्बुलेंस भी रवाना की गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत-बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी हैं। एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुंच चुकी है, जबकि एनडीआरएफ की एक टीम गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हो चुकी है।
स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीण भी राहत कार्यों में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं। फिलहाल प्राथमिकता लापता लोगों को ढूंढ़ने और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की है।आज भी मौसम विभाग में बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसे देखते हुए एहतियातन देहरादून जिला प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी का आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार प्रदेश में बारिश के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज कक्षा 12वीं तक के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्देश दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारी ने संबंधित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे आवश्यकता की स्थिति में अपने-अपने कार्यालयों में उपस्थित रहें। साथ ही सभी को आपदा की स्थिति में समन्वय बनाए रखने को कहा गया है।



इससे पहले मंगलवार को राजधानी देहरादून समेत राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही हुई। उफनती नदियों और नालों ने कई इमारतों, सड़कों और पुलों को अपने साथ बहा दिया। इस आपदा में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं। वहीं, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में करीब 900 लोग फंसे हुए थे। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता क्षतिग्रस्त सड़कों और बिजली लाइनों की शीघ्र बहाली के साथ पुनर्वास कार्यों को गति देना है। उन्होंने कहा कि बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और मरम्मत कार्य जारी हैं।

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में 10 से अधिक सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से कम से कम पांच पुल पूरी तरह बह गए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान सहस्रधारा, प्रेमनगर, मसूरी, नरेन्द्र नगर, पौड़ी, पिथौरागढ़ और नैनीताल क्षेत्रों में हुआ है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते चुनौती अभी भी बड़ी बनी हुई है।
