देशवासी साल 2021 की घटनाओं को लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे, आखिरी दिन याद आए पुराने लम्हें  - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 18, 2024
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देशवासी साल 2021 की घटनाओं को लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे, आखिरी दिन याद आए पुराने लम्हें 

आखिरकार साल 2021 अब अलविदा कहने के लिए तैयार है। चंद घंटों बाद ही साल 2022 दस्तक देने के लिए तैयार है। लेकिन यह साल देशवासियों को हमेशा लंबे समय तक याद रहेगा। इस साल भारत में कई ऐसी घटनाएं रही जिन्होंने सभी देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। ‌जिसे देशवासी कभी भूल नहीं पाएंगे। चाहे वह राजनीति जगत से हो या कोरोना की दूसरी लहर में देशवासियों ने बहुत ही भयावह हालातों का सामना किया है। आइए नए साल की पूर्व संध्या पर 2021 की प्रमुख घटनाओं पर नजर डालते हैं। ‌

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध—

पिछले वर्ष केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी जिसको लेकर शुरू हुआ विरोध 2021 में इतना बड़ा बन गया कि केंद्र सरकार को झुकने पर विवश होना पड़ा। किसानों की मांग के समक्ष झुकते हुए केंद्र सरकार ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी। ये मुद्दा इस साल संसद के हर सत्र में देखने को मिला था। इसके साथ ही विपक्षी ने इसे मुख्य चुनावी हथियार के रूप में भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था और सरकार को किसानों के प्रति असंवेदनशील बताया था। यहां तक कि पंजाब में भाजपा का वर्षों पुराना सहयोगी दल भी किसानों के मुद्दे पर उससे दूर हो गया। कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल उत्तर प्रदेश और पंजाब के विधसनसभा चुनावों में मुख्य मुद्दा बनाकर भी पेश करने वाले थे। हालांकि, केंद्र सरकार ने अपने कदम पीछे लिए और किसानों ने कुछ मांगों के साथ आंदोलन को खत्म कर दिया।

गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई हिंसा–

26 जनवरी को, तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर नई दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों ने अपनी मांग को लेकर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला था। लेकिन ये जल्द ही हिंसक हो गया। उग्र प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ते हुए लाल किले की प्राचीर तक पहुंच गए और वहां पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया। अधिकतर किसान संगठनों ने इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। इस घटना ने तब दो महीने से शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए थे। इस घटना में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस घटना की पूरे भारत में निंदा की गई थी। 

बंगाल और चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव–

इस वर्ष पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव काफी चर्चा में रहे। यहां भाजपा ममता के गढ़ में बढ़त बनाने में सफल रही परंतु लाख प्रयासों के बावजूद ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी ने 294 में से 213 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। इन चुनावों में सुवेन्दू अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी को नंदीग्राम से मिली हार भी भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बना था। इसके बाद ममता बनर्जी ने बंगाल सत्ता जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने की दिशा में काम शुरू कर दिया। तमिलनाडु में, एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन को हराकर 10 साल बाद सत्ता वापसी की। केरल में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद मौजूदा एलडीएफ 99 सीटों के साथ सत्ता में बनी रही। ये केरल में पहली बार था कि कोई सत्ताधारी दल ने वापसी की थी। वर्ष 1980 के बाद से अब तक कोई भी पार्टी या गठबंधन दूसरी बार जीतकर सत्ता में नहीं आया था। असम और पुडुचेरी में भाजपा सत्ता वापसी करने में सफल रही थी।

अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का उद्घाटन हुआ–

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुनिया के सबसे विशाल क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन किया । इस स्टेडियम का नाम अब मोटेरा से बदलकर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया गया है। यह स्टेडियम सरदार वल्लभाभाई पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव का हिस्सा होगा, जिसके लिए राष्ट्रपति ने भूमि पूजन किया है। स्टेडियम के निर्माण पर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत आई है और यह 63 एकड़ में फैला है, जो कि ओलंपिक-साइज के 32 फुटबॉल मैदान के बराबर है ।

भाजपा ने बदल डाले चार राज्यों के मुख्यमंत्री–

केंद्रीय नेतृत्व ने चार भाजपा शासित राज्यों, गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड और असम में अपने मुख्यमंत्रियों को बदला था। इन राज्यों में पार्टी की इकाइयों के भीतर की अंदरूनी कलह और विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता विरोधी लहर को रोकने के लिए भाजपा ने ये बड़ा कदम उठाया था। उत्तराखंड में जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं, वहीं कर्नाटक और गुजरात में 2022 के अंत में मतदान होगा।

कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का संकट–

कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश भर में कहर बरपाया, जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई, साथ ही स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की जर्जर स्थिति को भी सामने आई। अस्पतालों में मरीजों की भरमार होने से कई राज्य बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरणों के संकट से जूझ रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली और कई राज्य सरकारों में आपसी टकराव तक देखने को मिले। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और केंद्र सरकार के सहयोग के बाद स्थिति काबू में आ सकी थी।

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का निधन–
बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार और सुपरस्टार दिलीप कुमार का 98 वर्ष की उम्र में 7 जुलाई को निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, जिसके चलते उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा था। दिलीप कुमार ने अपने एक्टिंग की शुरुआत 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से की थी। करीब पांच दशक लंबे अभिनय करियर में 65 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। दिलीप कुमार की कुछ प्रमुख फिल्में हैं- अंदाज (1949), आन (1952), दाग (1952), देवदास (1955), आजाद (1955), मुगल-ए-आजम (1960), गंगा-जमुना (1961), राम और श्याम (1967) जैसी फिल्मों में नज़र आए। फिर 1976 में दिलीप कुमार ने काम से पांच साल का ब्रेक लिया। उसके बाद 1981 में उन्होंने क्रांति फिल्म से वापसी की थी. इसके बाद वो शक्ति (1982), मशाल (1984), करमा (1986), सौदागर (1991) में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म किला थी जो 1998 में रिलीज हुई।

शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान ड्रग्स केस–

ड्रग्स मामले में एमसीबी द्वारा बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी ने सिनेमा उद्योग के साथ ही भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया। आर्यन खान 22 दिनों तक आर्थर रोड जेल में रहा, जिसके बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने उसे जमानत दे दी, यह कहते हुए कि प्रथम दृष्टया में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है जिससे ये साबित हो कि इस अपराध में वो शामिल था। इस मामले में महराष्ट्र की राजनीति में सबसे अधिक उठापटक देखने को मिली। फिलहाल, आर्यन खान जमानत पर बाहर हैं।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा–

इस साल 3 अक्टूबर को, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले एक एसयूवी की चपेट में आने से चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। कथित तौर पर ये एसयूवी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी। इस घटना की देशभर में निंदा की गई और ये इस साल का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ निष्क्रियता के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकारा भी था जिसके बाद आशीष मिश्रा सहित 12 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी की रिपोर्ट सामने आने पर शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार पर आरोपी को बचाने के आरोप भी लगे। रिपोर्ट में ये सामने आया था कि इस घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया था।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा–

इस साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई। अगस्त के पहले हफ्ते से ही अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया था। कंधार जैसे प्रांत से तालिबान ने कब्जा करना शुरू किया था और 15 अगस्त को तालिबान ने राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया। तालिबानी लड़ाकों ने राष्ट्रपति भवन से अफगानिस्तान का झंडा उतारकर अपना झंडा लगा दिया। इससे पहले अफगानिस्तान में 2001 में तालिबान की सत्ता थी।

पेगासस जासूसी मामले सियासत गरमाई–

एक इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने की खबर सामने आई थी। इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक दलों में हड़कंप मच गया। जिन लोगों के फोन टैप होने का डाव किया गया उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल जैसे कई बड़े नाम सामने आए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया कि पेगासस जासूसी मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी करेगी।

भारत की हरनाज सिंधू बनी मिस यूनिवर्स–

हरनाज सिंधू की शक्ल में भारत को करीब दो दशक बाद मिस यूनिवर्स का खिताब मिला है। ये प्रतियोगिता इजराइल में हुई थी। इसकी प्रीलिमिनरी स्टेज में 79 से अधिक कंटेस्टेंट्स ने भाग लिया था। 21 साल की हरनाज ने पैराग्वे की नाडिया फेरीरा और दक्षिण अफ्रीका की लालेला मस्वाने को पीछे छोड़कर ये ताज अपने नाम किया। इससे पहले सुष्मिता सेन ने 1994 में और लारा दत्ता ने 2000 में भारत के लिए मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था।

जो बाइडेन बने अमेरिका के राष्ट्रपति–

20 जनवरी 2021 को जो बाइडेन और भारतीय मूल की कमला हैरिस ने अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मिली करारी हार के बाद देश की सत्ता में परिवर्तन हुआ। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने आसानी से हार नहीं मानी और राष्ट्रपति चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। अमेरिका के इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें लगीं थी।

भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बने– 
पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने साल 2021 में एक बड़ा फैसला लेते हुए 29 नवंबर को पराग अग्रवाल को नया सीईओ नियुक्त किया। पराग अग्रवाल ने जैक डोर्सी को सीईओ के पद पर रिप्लेस किया। पराग अग्रवाल ने ट्विटर के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अपना करियर शुरू किया और वो पिछले करीब एक दशक से कंपनी से जुड़े हुए हैं। इससे पहले पराग अग्रवाल को अक्टूबर 2017 में ट्विटर में चीफ टेक्नॉलोजी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया था।

हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन–

 आठ दिसंबर को भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 14 लोगों को लेकर जा रहा भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर एमआई-17वीएम तमिलनाडु के कुन्नूर की पहाड़ियों में क्रैश हो गया। हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई। हादसे में इकलौते घायल बचे ग्रप कैप्टन वरुण सिंह का भी बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।

फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का निधन–

18 जून को देश के लिए एक बुरी खबर आई, जहां फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह का निधन हो गया। वो 85 वर्ष के थे। निधन से कुछ दिनों पहले ही वो कोरोना से ठीक हुए थे, लेकिन उनके शरीर के अंग ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे। जिस वजह से पीजीआई चंडीगढ़ में उनका इलाज चल रहा था। वहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पहले 13 जून को उनकी पत्नी का भी निधन हुआ था।

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने किया शानदार प्रदर्शन–

टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड टोक्यो ओलंपिक में 7 अगस्त 2021 की तारीख भारत के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण तारीख है, क्योंकि इसी दिन जैवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में भारत को गोल्ड दिलाया। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद चमत्कार दिखाते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। टोक्यो ओलंपिक को भारत के शानदार प्रदर्शन के लिए याद जरूर किया जाएगा। इस ओलंपिक में भारत के खाते में कुल 7 मेडल आए थे, जो कि अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। 

70 साल बाद एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा को मिला–

टाटा संस ने 2021 में एयर इंडिया की बोली जीती, जिस एयरलाइन की स्थापना उसने लगभग 90 साल पहले की थी। इस साल सरकार ने एयर इंडिया के लिए टाटा की तरफ से 18,000 करोड़ रुपये की बोली स्वीकार कर, टाटा को कंपनी का 100 प्रतिशत अधिग्रहण दे दिया था। बता दें कि एयर इंडिया की स्थापना 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से परिवार के वंशज और विमानन उत्साही जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा द्वारा की गई थी।

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