आज कांग्रेस के लिए बहुत ही खास दिन है। देश की सबसे पुरानी पार्टी आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। 28 दिसंबर साल 1885 कांग्रेस की स्थापना की गई थी। 136 साल के अपने सियासी सफर में पार्टी ने बदलाव, उतार चढ़ाव के साथ विचारधारा में भी परिवर्तन हुआ। आजादी से पहले इसका राजनीतिक रूप नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य एक जन आंदोलन रहा। समय के साथ इसका रूप रंग दोनों बदलते गए, पर नहीं बदला तो इसके साथ जुड़ा ‘गांधी’ शब्द। गांधी और कांग्रेस एक दूसरे का पर्याय बन गए। कांग्रेस पार्टी की बागडोर आज भी गांधी परिवार के पास है। पार्टी के स्थापना दिवस पर राजधानी दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय पर सोनिया गांधी ने झंडारोहण किया। लेकिन यहां झंडा फहराने का कार्यक्रम ठीक से नहीं हो पाया। सोनिया गांधी ने जब पार्टी का झंडा फहराने की कोशिश की तो वह पोल से छूटकर सीधा नीचे आ गया। झंडा ठीक से बंधा नहीं था, जिसकी वजह से ऐसा हुआ। बाद में सोनिया गांधी ने हाथ से ही झंडा फहरा दिया। इस दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। अब आइए कांग्रेस के इतिहास और इसकी स्थापना दिवस को लेकर जानते हैं। कांग्रेस का गठन आजादी से 62 साल पहले 28 दिसंबर 1885 को किया गया था। मुंबई में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। मुंबई के गोपालदास संस्कृत कॉलेज मैदान में देश के विभिन्न प्रांत के राजनीति और सामाजिक विचारधारा के लोग एक साथ एक मंच पर इकट्ठा हुए थे।
कांग्रेस की नींव अंग्रेज अफसर एओ ह्यूम ने रखी थी, पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे–
पार्टी की अध्यक्षता करने का पहला मौका कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बनर्जी को मिला। यह बात और है कि इस पार्टी की नींव किसी भारतीय ने न रखकर एक रिटायर्ड अंग्रेज ऑफिसर ने रखी थी। कांग्रेस पार्टी के जन्मदाता रिटायर्ड अंग्रेज अफसर एओ ह्यूम (एलन आक्टेवियन ह्यूम) थे। कहा यह भी जाता है कि तत्कालीन वायसराय लार्ड डफरिन (1884-1888) ने पार्टी की स्थापना का समर्थन किया था। इस अंग्रेज आफिसर एओ ह्यूम को पार्टी के गठन के कई सालों बाद तक भी पार्टी के संस्थापक के नाम से वंचित रहना पड़ा। 1912 में उनकी मृत्यु के पश्चात कांग्रेस ने यह घोषित किया कि एओ ह्यूम ही इस पार्टी के संस्थापक हैं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पहले अध्यक्ष डब्ल्यू सी बनर्जी बने। आजादी से पहले और बाद कांग्रेस पार्टी का पूरे देश में एकछत्र राज था। लेकिन 70 के दशक के बाद भारतीय राजनीति में राजनीति पार्टियों के उदय होने के बाद कांग्रेस का सियासी ग्राफ धीरे-धीरे कम होने लगा। बता दें कि कांग्रेस पार्टी अब तक देश को 6 प्रधानमंत्री दे चुकी है। इनमें 1947 से 1964 जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री के पद पर रहे। साल 1964 से 1966 तक लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री पद पर रहे। इंदिरा गांधी साल 1966 से 1977, फिर 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। इनके बाद साल 1984 से 1989 तक राजीव गांधी प्रधानमंत्री पद पर रहे। पीवी नरसिम्हा राव साल 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे और आखिर में मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। साल 2014 और 19 में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस पार्टी को सफलता नहीं मिल सकी।