कांग्रेस ने माना फैसला लेने में देरी हुई, परिवारवाद को पीछे छोड़ बढ़ेगी आगे - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
July 3, 2025
Daily Lok Manch
राष्ट्रीय

कांग्रेस ने माना फैसला लेने में देरी हुई, परिवारवाद को पीछे छोड़ बढ़ेगी आगे

शुक्रवार से राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के चल रहे चिंतन शिविर में कांग्रेस ने भी माना है कि फैसले लेने में देरी हुई है। जिसकी वजह से हाल के वर्षों में पार्टी को विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इसके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी भी सामने आई। लेकिन इस बार कांग्रेस के नेता पूरी तरह से बदलाव के मूड में है। ‌ वैसे पार्टी को इस बदलाव की मौजूदा समय में देखते हुए जरूरत भी।  उदयपुर में तीन दिवसीय कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज दूसरा दिन है। पार्टी का रविवार को यह शिविर समापन होगा। लेकिन इस बार झीलों के शहर उदयपुर से कांग्रेस जीत के फार्मूले के साथ विदा लेगी। कांग्रेस अतीत की बातों को भूल कर नई सियासी राह पर चलने को तैयार है। कांग्रेस नेताओं ने इसके संकेत भी दे दिए हैं। उदयपुर में चिंतन शिविर का आज दूसरा दिन है। इस शिविर से कांग्रेस अब पूरी तरह से बदलाव के मूड में दिख रही है। 13 मई से 15 मई तक चलने वाले शिविर में ‘परिवारवाद’ पर गहन मंथन हुआ है। इसके बाद पार्टी जल्द ही ‘वन टिकट वन फैमिली का फॉर्मूला’ निकाल सकती है। अगर ऐसा होता है तो एक परिवार से सिर्फ एक टिकट मिलने का मौका मिलेगा। इसे लेकर कांग्रेस गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज है। चिंतन शिविर में नेताओं ने माना है कि कांग्रेस ने बदलते वक्त के हिसाब से बदलाव नहीं किया जिसकी वजह से पार्टी को कई राज्यों में नुकसान उठाना पड़ा है। अब इस चिंतन शिविर में जनता के बीच लगातार रहने और पकड़ बनाने के लिए बूथ स्तर और ब्लॉक स्तर पर ज्यादा काम करने का सुझाव दिया है। बूथ और ब्लॉक के बीच मंडल बनाए जाने हैं। कांग्रेस में बदलाव के साथ सभी नए मॉडल भी लागू किए जाएंगे। टिकट डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले फॉर्मूला को बदलने की भी बात की जा रही है। इसके अलावा पार्टी में लगातार किसी को 5 साल के बाद पद नहीं दिया जाए। तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए। इस नियम से सिर्फ ऐसे परिवार के सदस्य को छूट मिलेगी, जिसने पांच साल तक पार्टी के लिए उदाहरण पेश करने वाले काम किए हों। कांग्रेस पार्टी में 50 फीसदी युवाओं को शामिल करेगी। इसके अलावा संगठन में अन्य कई सुधार किए जाएंगे। कांग्रेस में बूथ, और ब्लॉक स्तर के बीच मंडल समितियों की स्थापना, सभी स्तरों पर पार्टी समितियों में 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। 

Nav Sankalp Chintan shivir

चिंतन शिविर में कांग्रेस का संगठनात्मक सुधार और बदलाव पर जोर—

शिविर में पार्टी संगठनात्मक सुधार और बदलाव पर चर्चा कर ही रही है। लेकिन पहली बार पार्टी को इस बात का भी एहसास हो गया है मोदी के इस दौर में अब नेहरू-गांधी के सहारे चुनावी वैतरणी नहीं पार कर सकती है। गौरतलब है कि भाजपा विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर परिवारवाद पर करारा प्रहार करते रहे हैं। अब कांग्रेस परिवारवाद से पीछा छुड़ाना चाहती है। भले ही एक परिवार में एक टिकट देने के फॉर्मूले को सख्ती से लागू करने की बात कही जा रही हो लेकिन पार्टी में पहले भी कई ऐसे फॉर्मूले बने हैं जिन्हें सख्ती से लागू करने के दावे किए गए लेकिन पार्टी नेताओं की ओर से उन फॉर्मूलों की धज्जिया उड़ाई गई, जो ठंडे बस्ते में चले गए हैं और उन फॉर्मूले पर आज तक अमल नहीं हो पाया। चिंतन शिविर की शुरुआत में सोनिया गांधी ने अपने भाषणों से इसके संकेत भी दिए। सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। सोनिया ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को त्याग करके पार्टी हित में काम करने की नसीहत दी है। सोनिया ने कहा कि समय आया है कि हमें संगठन हितों के अधीन काम करना होगा। सबसे आग्रह है कि खुलकर अपने विचार रखें, मगर बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए संगठन की मजबूती, मजबूत निश्चय और एकता का । तीन दिवसीय कांग्रेस ने इसे ‘नव संकल्प शिविर’ का नाम दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं। 

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