दो दिन पहले बुधवार को राजधानी दिल्ली में भाजपा की “संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति” की नई कार्यकारिणी (टीम) गठित की गई थी। भाजपा की इन दोनों ताकतवर संस्थाओं में केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया गया था। अभी तक नितिन गडकरी ने इस मामले में चुप्पी बनाए रखी है। वहीं एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल न किए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दी है। “शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा। पार्टी कहेगी कि जैत (शिवराज सिंह चौहान का जैत ग्रह गांव है) में रहो तो वहां रहूंगा। पार्टी कहेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए”। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं। शिवराज ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस बयान के बाद कांग्रस पार्टी के नेता नरेंद्र सलूजा ने तंज कसते हुए ट्वीट में लिखा है कि निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में हार के बाद भविष्य की तैयारियां कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से बाहर की जाने पर खामोशी बनाए रखी है।