उत्तराखंड की धामी सरकार में बीस दिनों से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर देहरादून से दिल्ली तक माहौल बना हुआ है। लेकिन अभी तक धामी सरकार का मंत्रिमंडल का आकार बड़ा नहीं हो सका। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक पखवाड़े में तीन बार दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं । जब-जब सीएम धामी दिल्ली गए तब उत्तराखंड में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर पकड़ने लगती हैं । लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार किस तारीख को होगा इस पर मुहर नहीं लग सकी है । दिल्ली से मुख्यमंत्री राजधानी देहरादून पूरे जोश के साथ लौटते हैं लेकिन “गुड न्यूज” अपने पास रखें हुए हैं। हालांकि उनके चेहरे पर कैबिनेट विस्तार जल्द होने के भाव-साफ तौर पर देखे जाते हैं। इसी चैत्र नवरात्रि में मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अच्छी न्यूज सुना सकते हैं। राज्य भाजपा नेताओं को भी कौन-कौन नए मंत्री बनेंगे और किसका पत्ता कटेगा, बेसब्री से इंतजार है। सब कुछ दिल्ली आलाकमान के हाथ में है। हाईकमान ने भले ही अभी उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की मुहर न लगाई हो लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की फाइनल लिस्ट तैयार कर ली है । पूरी संभावना है कि अप्रैल के पहले हफ्ते या दूसरे हफ्ते तक कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद प्रदेश में उत्तराखंड सरकार में मंत्रियों के रिक्त पदों की संख्या पांच हो गई है।धामी कैबिनेट में पांच जगह खाली होने से मंत्रियों पर भी मंत्रालयों का बोझ बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा विभाग इस वक्त खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देख रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड में बीते काफी समय से कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं हैं। कुछ दिनों पहले उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी साफ किया है कि प्रदेश में कभी भी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। धामी मंत्रिमंडल का आकार वर्तमान में सात रह गया है। मंत्रिमंडल में पांच मंत्री पद रिक्त चल रहे हैं। बदली परिस्थितियों में कामकाज के बोझ को देखते हुए मंत्रिमंडल में विस्तार आवश्यक हो गया है। साथ ही मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी संभव है।

इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल है। जो संकेत मिल रहे हैं, वे इशारा कर रहे हैं कि नवरात्रि में मंत्रिमंडल में रिक्त पदों पर पांच नए चेहरों को जगह मिल सकती है। भाजपा अब वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व वितरण को अहम माना जा रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह इन दिनों अपने दूसरे कार्यकाल के 3 साल पूरे होने पर जश्न के माहौल में है। सीएम धामी जिलों में जाकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं । वहीं एक महीने बाद 30 अप्रैल से उत्तराखंड में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के बंदोबस्त में मुख्यमंत्री धामी जुट गए हैं। इस बार चार धाम यात्रा की शुरुआत अलग होगी । चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। पिछले साल चार धाम यात्रा की शुरुआत में ही श्रद्धालुओं को भारी जाम और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने कमर कस ली है । मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस बार चार धाम यात्रा बहुत ही कड़े नियमों के साथ शुरू होने जा रही है ।
इस बार चार धाम यात्रा की शुरुआत में वीआईपी दर्शन पर रोक, रील बनाने पर भी प्रतिबंध—
अगले महीने 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को लेकर धामी सरकार हर रोज कुछ न कुछ नए दिशा-निर्देश जारी कर रही है। इसी कड़ी में धामी सरकार ने पिछली बार चार धाम यात्रा में उमड़ी भीड़ को देखते हुए इस बार पहले एक महीने चारों धामों में वीआईपी दर्शन पूरी तरह बंद कर दिए हैं। चार धाम यात्रा शुरू होते ही पहले दो महीने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है । इसके साथ तीर्थ यात्रियों में वीआईपी दर्शन को लेकर भी भारी नाराजगी भी दिखाई पड़ती रही है। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक अब शुरुआत की एक महीने तक चारों धामों में वीआइपी दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं यात्रा के संबंध में अब तक की सभी विभागों की तैयारियों के संबंध में 5 अप्रैल को एक समीक्षा बैठक भी रखी गई है जिसमें तैयारी की समीक्षा की जाएगी। गढ़वाल आयुक्त विजय शंकर पांडे ने बताया कि यात्रा रूट पर पर्याप्त वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं ने 7000 के करीब निजी और कॉमर्शियल वाहनों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराए है। वही क्राउड मैनेजमेंट को लेकर भी इस बार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सभी यात्रा मार्ग के 10 किलोमीटर के एरिया को एक सेक्टर में बांट दिया गया है। जहां 24 घंटे पुलिस कर्मियों निगरानी रहेगी। बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन पूजा बुकिंग शुरू की जाएगी 15 अप्रैल से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए यात्री ऑनलाइन पूजा बुकिंग करा सकेंगे इसके लिए बद्री केदार मंदिर समिति ने तैयारी पूरी कर ली है ।चारधाम यात्रा में इस बार वीडियो रील बनाने वालों और यूट्यूबर्स की एंट्री रोकने की तैयारी है। केदारनाथ-बद्रीनाथ पंडा समाज ने तय किया है कि इस बार मंदिर परिसर में इन्हें नहीं आने देंगे। यदि कोई ऐसा करता मिला तो बिना दर्शन उसे लौटा दिया जाएगा। इस बारे में प्रशासन को भी बता दिया गया है। पिछले साल रील बनाने वालों के चलते काफी अव्यवस्था फैली थी। समुद्र तल से 12 हजार फीट ऊपर केदारनाथ धाम में ढोल नगाड़ों का शोर सिर्फ रील बनाने के लिए किया गया था। यात्रा शुरू होने के बाद 10 से 12 दिन तक पूरी शिवालिक पर्वतमाला में यह शोर गूंजता रहा। यहां की प्रकृति के लिए यह शोर ठीक नहीं है। इसलिए इस बार कोई भी श्रद्धालु कैमरे से रील नहीं बना पाएगा। इसी तरह, पैसे देकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था भी धामों पर बंद रहेगी। इस साल 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चार धाम यात्रा की शुरुआत होगी। इसी दिन सबसे पहले मां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। आखिर में 4 मई को विधि-विधान से भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही पूर्ण रूप से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जारी की एडवाइजरी–
इस बार राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के लिए कई बडे़ कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों में चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और स्वास्थ्य-संबंधी दृष्टि से बेहतर बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जो तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सरकार ने विभिन्न भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है। डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य जांच, सतर्कता और चिकित्सकीय तैयारियों पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विशेषकर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री जैसे ऊंचे-चढ़ते क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को कठोर जलवायु, निम्न ऑक्सीजन स्तर एवं कठिन मार्ग स्थितियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए तीर्थयात्री जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक तैयारियों के साथ आएं । आपातकालीन सेवाएं और हेलीपैड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सहायता सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यापक परामर्श को सभी राज्यों में पत्र भेजकर संभावित तीर्थयात्रियों तक आवश्यक जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम एवं सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. आर.राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चारधाम यात्रा को पूरी तरह सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की पूरी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ विभाग द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी है, जिसके अनुसार यात्रा से पूर्व अनिवार्य स्वास्थ्य जांच कराएं। कम से कम दो माह पूर्व पैदल चलने, प्राणायाम एवं हृदय संबंधी व्यायाम अपनाएं। आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा साथ रखें। स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण ऐप पर अनिवार्य पंजीकरण करें। पर्याप्त जल, संतुलित आहार एवं हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। स्क्रीनिंग केंद्र एवं चिकित्सा राहत पोस्ट का लाभ उठाएं और हल्की परतों वाले कपड़े, गरम वस्त्र, दस्ताने एवं ऊनी सामग्री साथ रखें। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल सहित 28 पैरामीटर की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। यह सभी प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्वाइंट के साथ जोड़े गए हैं ताकि यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों की पूरी स्वास्थ्य जांच हो सके। यात्रा मार्ग पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट की संख्या बढ़ाई गई है और वहां पर डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराएं और यात्रा की योजना कम से कम सात दिन पहले बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा के दौरान हर एक से दो घंटे में 5-10 मिनट का विश्राम करें। यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, रेनकोट, छाता, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री अपनी जरूरी दवाइयां और डॉक्टर का नंबर साथ रखें। यदि यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर या उल्टी महसूस हो तो तुरंत निकटतम मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर जाएं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें केदारनाथ यात्रा मार्ग के दौरान आती हैं। इसलिए केदारनाथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया गया है। यात्रा मार्ग पर 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और दो पीएचसी सेंटर स्थापित किए गए हैं। गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे, जहां यात्रियों की फ्री हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रियों की स्वास्थ्य जांच को आसान बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे। यहां पर ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल, वजन, लंबाई और शरीर का तापमान मापा जा सकेगा। साथ ही, टेलीमेडिसिन सेवा के तहत 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा भी दी जाएगी। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी तीर्थयात्री भाषा की वजह से जरूरी स्वास्थ्य जानकारी से वंचित न रहे। इसलिए एडवाइजरी को हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, मराठी, पंजाबी और असमिया सहित 12 भाषाओं में जारी किया गया है।