रामनवमी का छाया उल्लास: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव पर आज तीन राजयोगों का शुभ संयोग - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
July 28, 2025
Daily Lok Manch
धर्म/अध्यात्म

रामनवमी का छाया उल्लास: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव पर आज तीन राजयोगों का शुभ संयोग

चैत्र नवरात्रि का पर्व समापन की ओर है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की गई। आज आखिरी दिन का खास महत्त्व है। आज के दिन मां दुर्गा का रूप कही जाने वाली कन्याओं को भोग लगाया जाता है, उनकी पूजा की जाती है। आज मां भक्तों को आशीर्वाद देकर विदा लेती हैं। इसी के साथ आज ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म उत्सव मनाया जाता है। रामनवमी का पर्व भगवान राम के जन्म के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी के मौके पर पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर को है। हिंदू पंचाग के अनुसार राम नवमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है । आज पूरे देश में भगवान श्री राम का जन्म उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि दशरथ की ज्येष्ठ पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान विष्णु ने अपना सातवां अवतार लिया था। यही कारण है कि रामनवमी श्रीराम के जन्म दिवस के उपलक्ष में मनाई जाती है। प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर दोपहर में हुआ था। इसलिए कर्क लग्न और अभिजित मुहूर्त में पूजा के साथ जन्मोत्सव मनाना बहुत शुभ रहेगा। भगवान राम की पूजा के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। भगवान श्री राम के जन्म उत्सव पर तीन राजयोगों के साथ विशेष ग्रह-स्थिति रहेगी। चंद्रमा और शनि स्वराशि में रहेंगे। राहु-केतु उच्च राशि में और सूर्य मित्र राशि में रहेगा। इन ग्रह-योगों में किया गया व्रत, पूजा और दान का शुभ फल और बढ़ जाएगा।

प्रभु श्री राम

अयोध्या में प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है—

राम नगरी अयोध्या में दूर-दूर से हजारों भक्त प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव मनाने के लिए पहुंचे हैं। सुबह से ही राम जन्मोत्सव को लेकर अयोध्या नगरी में उल्लास छाया हुआ है। ‌सुंदरकांड और रामायण का कीर्तन शुरू हो गया है। मंदिर में श्रीराम प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। रविवार को दिन में ठीक 12 बजे रामलला का जन्मोत्सव होगा। जन्मभूमि व अयोध्या के मंदिरों में राम जन्म उत्सव को लेकर विशेष तैयारियां की गई है। जन्मभूमि मंदिर में षोडशोपचार और श्रृंगार के बाद श्री रामलला पीले वस्त्र धारण कर दर्शन देंगे। बता दें कि प्रभु श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।  मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिन्होंने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। उन्होंने माता कैकेयी की 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए पिता के दिए वचन को निभाया। उन्होंने ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाय’ का पालन किया। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। माता-पिता और गुरु की जीवन आखिरी समय तक पालन करते रहे।  

Related posts

12 अगस्त, शनिवार का पंचांग और राशिफल

admin

6 फरवरी , मंगलवार का पंचांग और राशिफल

admin

19 नवंबर, रविवार का पंचांग और राशिफल

admin

Leave a Comment