(Corona not over) : चीन में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। चीन के बाद भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है। मंगलवार शाम को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राजधानी दिल्ली में कोरोना को लेकर हाई लेवल की बैठक की है। इस बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की अपील की है। चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, “यदि यह संभव न हो तो यात्रा को देशहित में स्थगित करने का निर्णय लिया जाए ।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कोरोना फैलने के खतरे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “चूंकि कोरोना महामारी एक सार्वजनिक आपात स्थिति है, इसलिए देशहित में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को स्थगित करने पर फैसला लिया जा सकता है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक बताया है. उन्होंने दावा किया है कि भारत जोड़ो यात्रा से डरकर बीजेपी ये काम कर रही है।
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उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा से मोदी सरकार बौखलाए हुई है। आम लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी तरह-तरह के सवाल उठा रही है। क्या गुजरात चुनाव में पीएम मोदी मास्क लगाकर, सारे प्रोटोकॉल मानते हुए घर-घर गए थे?” वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा, “राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा 21 दिसंबर की सुबह पूरी हो गई पर यहां उमड़ी भारी भीड़ से भाजपा एवं मोदी सरकार इतनी घबरा गई है कि स्वास्थ्य मंत्री 20 दिसंबर को श्री राहुल गांधी को राजस्थान में कोविड प्रोटोकॉल की पालना करने हेतु पत्र लिख रहे हैं। यह स्पष्ट दिखाता है कि भाजपा का उद्देश्य बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर भारत जोड़ो यात्रा को डिस्टर्ब करने का है। अशोक गहलोत ने पीएम मोदी की रैली का जिक्र करते हुए लिखा, दो दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने त्रिपुरा में रैली की थी जहां किसी भी कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं हुई। कोविड की दूसरी लहर में पीएम ने बंगाल में बड़ी रैलियां की थीं। अगर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का उद्देश्य राजनीतिक ना होकर उनकी चिंता जायज है तो उन्हें सबसे पहला पत्र प्रधानमंत्री को लिखना चाहिए था।