(13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। इस बार के महाकुंभ में तीन शाही स्नान होंगे । महाकुंभ में स्नान करने के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग पहुंचेंगे। उत्तराखंड सरकार ने भी देहरादून से प्रयागराज के लिए 2 स्पेशल बसें शुरू की हैं, जो देहरादून से हरिद्वार, लखनऊ, रायबरेली होते हुए प्रयागराज जाएंगी। इसके अलावा स्पेशल ट्रेन भी शुरू हो चुकी है। विशेष बसों में एक बस साधारण होगी, जो रोजाना सुबह 10 बजे, जबकि दूसरी बस सुपर डीलक्स वॉल्वो है जो रोजाना शाम पांच बजे दून आइएसबीटी से संचालित होगी। वॉल्वो बस में दून से प्रयागराज तक का किराया 2279 रुपये, जबकि साधारण बस में 1160 रुपये प्रति यात्री रहेगा। वॉल्वो बस की यात्रा करीब 16 घंटे में जबकि साधारण बस करीब 18 से 19 घंटे में अपनी यात्रा तय करेगी। वहीं देहरादून और काठगोदाम से स्पेशल ट्रेन भी महाकुंभ के लिए चलाई गई हैं।)
एक दिन बाद 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस बार 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ लग रहा है। सरल शब्दों में समझें तो 12 साल लगातार 12 वर्षों के तक लगने के बाद पूर्ण महाकुंभ लगता है। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति पर्व पर 14 जनवरी को होगा। इस बार के महाकुंभ में तीन शाही स्नान होंगे । महाकुंभ में स्नान करने के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग पहुंचेंगे। उत्तराखंड सरकार ने भी देहरादून से प्रयागराज के लिए 2 स्पेशल बसें शुरू की हैं, जो देहरादून से हरिद्वार, लखनऊ, रायबरेली होते हुए प्रयागराज जाएंगी। इसके अलावा स्पेशल ट्रेन भी शुरू हो चुकी है। विशेष बसों में एक बस साधारण होगी, जो रोजाना सुबह 10 बजे, जबकि दूसरी बस सुपर डीलक्स वॉल्वो है जो रोजाना शाम पांच बजे दून आइएसबीटी से संचालित होगी। वॉल्वो बस में दून से प्रयागराज तक का किराया 2279 रुपये, जबकि साधारण बस में 1160 रुपये प्रति यात्री रहेगा। वॉल्वो बस की यात्रा करीब 16 घंटे में जबकि साधारण बस करीब 18 से 19 घंटे में अपनी यात्रा तय करेगी। महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंह धामी ने परिवहन सचिव को देहरादून-हरिद्वार से प्रयागराज के लिए सीधी बस सेवा चलाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में आज शुक्रवार से परिवहन निगम प्रयागराज के लिए दून से दो विशेष बस सेवा शुरू कर दी है। भव्य और दिव्य महाकुंभ के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन सचिव को निर्देश दिए थे कि हरिद्वार और देहरादून से प्रयागराज के लिए सीधी बस चलाई जाए। सीएम के निर्देशों के बाद से आज से सर्विस शुरू हुई है। डिपो के सहायक महाप्रबंधक राजीव गुप्ता ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के लिए देहरादून से बस सेवा शुरू होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। श्रद्धालु ऑनलाइन टिकट बुकिंग के साथ ही काउंटर से भी एडवांस बुकिंग करवा सकेंगे। देहरादून ग्रामीण डिपो के सहायक महाप्रबंधक राजीव गुप्ता ने बताया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के परिवहन सचिव को देहरादून-हरिद्वार से प्रयागराज के लिए सीधी बस सेवा शुरू करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश का अनुपालन करते हुए उत्तराखंड रोडवेज ने शुक्रवार को देहरादून से प्रयागराज के लिए 2 विशेष बस सेवा शुरू की हैं। इनमें से सामान्य बस है, जो रोजाना सुबह 10 बजे देहरादून से निकलेगी और अगले दिन सुबह 5 बजे प्रयागराज पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि दूसरी स्पेशल बस सुपर डीलक्स वॉल्वो है, जो रोजाना शाम 5 बजे देहरादून आईएसबीटी से रवाना होगी और अगले दिन सुबह 9 बजे प्रयागराज पहुंच जाएगी। दोनों शहरों के बीच करीब 800 किमी की दूरी है, जिसे साधारण बस करीब 18-19 घंटे और वॉल्वो बस करीब 16 घंटे में पूरा करेगी। इस दौरान दोनों बसें हरिद्वार, नजीबाबाद, नगीना, धामपुर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ और रायबरेली होते हुए प्रयागराज पहुंचेंगी। वहीं महाकुंभ यात्रियों के लिए रेलवे दून-प्रयागराज के बीच स्पेशल ट्रेन चलाने जा रहा है। इसकी समयसारिणी और किराया जारी कर दिए जाने के बाद अब ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। यह ट्रेन सुबह आठ बजकर दस मिनट पर देहरादून से चलेगी और रात के समय 11 बजकर 50 मिनट पर प्रयागराज पहुंचेगी। देहरादून रेलवे स्टेशन के अधीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि देहरादून से स्पेशल ट्रेन 18, 21, 24 जनवरी, नौ फरवरी, 16 और 23 फरवरी को चलेगी। जबकि प्रयागराज के फाफामऊ स्टेशन से यही ट्रेन देहरादून के लिए 19, 22, 25 जनवरी, 10, 17 और 24 फरवरी को चलेगी। यह ट्रेन देहरादून से जाते समय हरिद्वार, नजीबाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ और रायबरेली में कुछ मिनट ठहराव के बाद प्रयागराज पहुंचेगी। दून से प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन के थर्ड एसी श्रेणी में 18 जनवरी को 4, 21 जनवरी को 14, 24 जनवरी को 15 और नौ फरवरी को 12 सीटें खाली दर्शाई जा रही हैं। जबकि, सेकेंड एसी में 18 जनवरी को 11, 21 जनवरी को 12, 24 जनवरी को आठ, नौ फरवरी को नौ सीटें ऑनलाइन खाली दर्शाई जा रही हैं। दून से प्रयागराज तक स्लीपर श्रेणी का किराया 510, सेकेंड एसी का 1950 और थर्ड एसी का किराया 1380 रुपये प्रति यात्री है। महाकुंभ में लोगों के आने जाने के लिए रेलवे काठगोदाम रेलवे स्टेशन से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन शुरू करने जा रहा है। इज्जत नगर रेल मंडल ने ट्रेन का टाइम टेबल जारी किया है। 12 जनवरी को काठगोदाम रेलवे स्टेशन से ट्रेन रवाना होगी। रेल प्रशासन अब काठगोदाम से कुम्भ मेला के दौरान अनारक्षित विशेष गाड़ी का संचालन कर रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले के अवसर पर यात्रियों की सुविधा हेतु 05312/05311 काठगोदाम-झूसी-काठगोदाम महाकुंभ मेला अनारक्षित विशेष गाड़ी का संचलन काठगोदाम से 12 एवं 27 जनवरी तथा 01, 10 एवं 24 फरवरी, 2025 को और झूसी से 13 एवं 28 जनवरी, 02, 11 एवं 25 फरवरी, 2025 को 05 फेरों के लिए निम्नवत किया हैं। महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है। इसे कुंभ मेला भी कहा जाता है, महाकुंभ का आयोजन 12 वर्षों में किया जाता है। जहां पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। यह उत्सव भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित होता है। महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के संगम , हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, और नासिक में गोदावरी नदी पर किया जाता है। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है।
मकर संक्रांति पर्व से पहले गुजरात में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव–
14 जनवरी को मकर संक्रांति (खिचड़ी) का पर्व देश भर में पूरे श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। भारत एक ऐसा देश है, जहां एक ही त्योहार को इसके हर प्रांत में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। बिहार-उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में जहां नए साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति कहलाता है, तो पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। असम में यह माघ बिहू या भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता है तो गुजरात में उत्तरायण के नाम से इस त्योहार को मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर प्रयागराज के महाकुंभ में पहला बाद स्नान भी होने जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन भारत में पतंग उड़ाने की भी परंपरा रही है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में लोग पतंगबाजी करते हैं। खासतौर पर गुजरात में तो पतंगबाजी को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग पहुंचते हैं। शनिवार से गुजरात के अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की शुरुआत हो गई। सीएम भूपेंद्र पटेल ने महोत्सव की शुरुआत की। समारोह में 47 देशों के 143 पतंगबाज और देश के 11 राज्यों के 52 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। महोत्सव का आयोजन गुजरात पर्यटन विभाग की तरफ से 11 से 14 जनवरी तक किया जाएगा। गुजरात के लगभग हर घर में छत पर पूरा परिवार इकट्ठा होकर तिल के लड्डू, उंध्यू, मुरमुरा लड्डू आदि का स्वाद चखते हैं। गाने और डीजे के धून पर थिरकते हैं और दोस्तों के साथ मिलकर दिन में अलग-अलग आकृतियों की पतंग उड़ाते हैं और सूर्यास्त होने के बाद आसमान कंदील छोड़ते हैं, जिसके पीछे पतंग की पूंछ बनी होती है। 1989 से, अहमदाबाद शहर ने उत्तरायण के आधिकारिक उत्सव के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की मेजबानी की है, जिसमें दुनिया भर से मास्टर पतंग निर्माता और उड़ाने वाले अपनी अनूठी कृतियों का प्रदर्शन करने और बेहद अनोखी पतंगों से लोगों को मंत्रमुग्ध करने के लिए आते हैं। यहां काफी अलग-अलग चीजें देखने को मिलती हैं जैसे कि लोग एक ही डोर पर 500 तक पतंगें उड़ाते हैं जो एक क्लासिक आकर्षण बन गया है। आप पतंग फेस्टिवल को देखने और यहां भाग लेने के अलावा ये भी आप कई कल्च चीजों एंजॉय कर सकते हैं। आप यहां शॉपिंग कर सकते हैं और गुजरात में ही अलग-अलग जगहों पर जा सकते हैं। गुजरात राज्य अपने अलग-अलग प्रकार के मेलों और त्योहारों के लिए देश भर के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी प्रसिद्ध है। गुजरात के मेले और त्यौहार यहां की स्थानीय लोक संस्कृति का प्रतिबिंब हैं, जिसमें समाज का हर वर्ग उत्साह से भाग लेता है। इसलिए, ऐसे मेले और त्योहार पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने का एक बहुत अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।