आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बसपा से संबंधित दो खबरें सामने आईं। इन दोनों खबरों से प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई। पहली बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और रणनीतिकार सतीश चंद्र मिश्र और इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी के बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट जीते एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने लखनऊ में सुबह करीब 11 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी निवास स्थान पर पहुंचकर मुलाकात की। हालांकि बसपा के दोनों नेताओं ने मायावती सरकार में बनाए गए स्मारकों के रखरखाव को लेकर चर्चा की। विधायक दल के नेता उमाशंकर सिंह ने बताया कि जितने भी स्मारक बने हैं उनकी मरम्मत की जरूरत है, इसलिए हम लोगों ने सीएम योगी से कहा है कि स्मारकों दुर्दशा की एक रिपोर्ट बना कर काम करने की आवश्यकता है। इस मौके पर सतीश चंद्र मिश्रा और उमाशंकर सिंह ने सीएम योगी को एक ज्ञापन भी सौंपा। लेकिन बसपा नेताओं और सीएम योगी की मुलाकात से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया। उसके बाद राजधानी लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को अखिलेश यादव के भाजपा द्वारा मायावती को राष्ट्रपति बनाने वाले बयान पर बसपा सुप्रीमो ने पलटवार किया। मायावती ने कहा कि मैं राष्ट्रपति बनना नहीं चाहती हूं, मैं उत्तर प्रदेश में सीएम पद के लिए ही उपयुक्त हूं।