राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर किसका हक है इसके लिए आज चाचा शरद पवार और भतीजे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुंबई में अपने-अपने नेताओं की हाईलेवल की बैठक बुलाई है। चाचा भतीजे के शक्ति प्रदर्शन को लेकर मुंबई में सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं। वहीं दूसरी ओर एनसीपी नेताओं की आज होने वाली बैठक को लेकर भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट भी निगाहें लगाए हुए हैं। इन बैठकों के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि एनसीपी के कितने नेता शरद पवार और अजित पवार के साथ हैं। शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार ने अजित पवार और समेत सभी बागियों को एनसीपी से निकाल दिया है।अजित पवार खेमे की बैठक सुबह 11 बजे होगी। शरद पवार ने आज दोपहर 1 बजे दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर पर विधायकों, सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी आज शाम 7 बजे पार्टी विधायकों और सांसदों की मीटिंग बुलाई है।
उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा था कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने एनसीपी छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि एनसीपी के तौर पर ही यह कदम उठाया है। वहीं शरद पवार ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। शरद पवार और अजित पवार की आज होने वाली बैठक के साथ ही यह साफ हो जाएगा कि किसमें कितना दम है। अजित पवार ने दावा किया था कि उनके पास 42 विधायकों का समर्थन है और पार्टी के नाम पर और सिंबल पर अपना दावा करेंगे। वहीं शरद पवार ने कहा था कि वो पार्टी को दोबारा से खड़ा करेंगे।एक जुलाई को अजित पवार के साथ आठ एनसीपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। उस वक्त दावा किया गया था कि 40 विधायक अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि मंगलवार को भी अजित पवार गुट ने 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस बीच शरद पवार खेमे के जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जिस पद पर अजित पवार ने हाथ रखा वो उन्हें दिया गया, इस बात से वे भी इंकार नहीं कर सकते।
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