कहा जाता है इंसाफ में देरी हो सकती है लेकिन पीड़ित या पीड़िता को न्याय जरूर मिलता है। इसके साथ इंसान जैसा कर्म करता है ईश्वर उसको सजा अवश्य देता है। दूसरी बात खराब कामों की मनुष्य को सजा मिलनी चाहिए। चाहे कितना भी पावरफुल व्यक्ति क्यों न हो लेकिन कानून के हाथों वह बच नहीं सकता है। हम बात कर रहे हैं अभी कुछ समय पहले तक देश और दुनिया में प्रसिद्ध आसाराम बापू की। आसाराम बापू यह समझता था वह अपने रसूख की वजह से वह कानून से भी बच जाएगा। वह उसकी बड़ी भूल थी। आखिरकार आज ईश्वर ने उसके गुनाहों की सजा दे दी है। बता दें कि मंगलवार दोपहर करीब 4 बज सूरत की एक महिला से रेप के मामले में आसाराम को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम को सोमवार को दोषी करार दिया था। इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को यूपी की एक नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। अब जाकर उस पीड़िता को आज न्याय मिला है।
पीड़िता की छोटी बहन के साथ आसाराम के बेटे नारायण साईं ने बलात्कार किया था और उसे अवैध रूप से कैद कर रखा था। साईं को अप्रैल 2019 में सूरत की एक सत्र अदालत ने 2013 में उसके खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अगस्त 2013 में आसाराम को राजस्थान पुलिस के जरिए गिरफ्तार किए जाने के बाद पीड़िता और उसकी बहन ने प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु और नारायण साईं के खिलाफ आने का साहस जुटाया था। जोधपुर की एक अदालत ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार (Rape) का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2021 में बलात्कार के मामले में आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।