यूपी में नगर निगम चुनाव मामले में ओबीसी आरक्षण को लेकर मंगलवार, 27 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण रद कर दिया था। इसके बाद प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जाने की भी बात कही थी। वहीं दूसरी ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार पर कोर्ट में कमजोर पैरवी करने के आरोप भी लगाए थे। बुधवार 28 दिसंबर की शाम को कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला किया है।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने आयोग गठित किया है। यूपी सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। ये आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। इस आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को बनाया गया है। सदस्यों में चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी शामिल हैं कि ये आयोग राज्यपाल की सहमति से 6 महीने के लिए गठित किया गया है, जो जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। माना जा रहा है कि अब प्रदेश में नगर निगम चुनाव कम से कम 3 महीने बाद ही हो सकेंगे।
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