यहां देखें वीडियो 👇
आज भारत के लिए बहुत ही खराब खबर रही है। देश के दो फाइटर प्लेन एक साथ आपस में टकरा गए हैं। 2 दिन पहले 26 जनवरी राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर कई फाइटर विमानों ने हैरतअंगेज भरे करतब दिखाए थे। मध्य प्रदेश के मुरैना में एयरपोर्ट्स का एक सुखोई और एक मिराज 2000 विमान क्रैश हो गया है। लगभग एक ही समय पर अलग-अलग जगह 3 विमान क्रैश हुए हैं। मध्य प्रदेश के मुरैना में एयरफोर्स के दो लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए। यह घटना उस समय हुई जब Sukhoi30 और Mirage 2000 फाइटर जेट ट्रेनिंग के रहे थे।
दोनों उड़ानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। एएनआई के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि दोनों विमानों के बीच टक्कर ऊपर हुआ है या नहीं। बता दें कि दुर्घटना के दौरान Su-30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि तीसरे पायलट को मदद करने के लिए वासुसेना का हेलीकॉप्टर जल्द वहां पहुच रहा है। जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के दौरान सुखोई 30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। बताया जा रहा है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि एयरफोर्स का एक हेलिकॉप्टर तीसरे पायलट को लेने पहुंचा। जिसका वीडियो भी सामने आया। जिसमें पायलट का स्ट्रेचर पर लेटाकर हेलिकॉप्टर में लाया जा रहा है।सुखोई-30 में 2 पायलट सवार थे, जिन्होंने समय रहते पैराशूट की इस्तेमाल कर जेट से छलांग लगा दी, और उनकी जान बच गई। हालांकि मिराज 2000 में सवार पायलट को काफी गंभीर चोटें आई थीं। इससे पहले ही डॉक्टर उनका इलाज कर पाते वे शहीद हो गए। घटनास्थल पर पहुंचे वायुसैनिक घायल पायलटों को रेस्क्यू कर ग्वालियर एयरबेस ले आए हैं। हादसे में चोटिल पायलटों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। डिफेंस के सूत्रों के मुताबिक, हादसे में वक्त सुखोई-300 में 2 पायलट सवार थे। जबकि मिराज 2000 में 1 पायलट सवार था। ये हादसा हवा में दोनों फाइटर जेट के टकराने से हुआ है या नहीं, इसे पता करने के लिए इंडियन एयरफोर्स कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (IAF Court of Inquiry) शुरू कर दी गई है।
सुखोई दोनों पायलटों को जब लगा कि एयरक्राफ्ट क्रैश होने वाला है उन्होंने खुद को इजेक्ट कर लिया। दोनों पैराशूट के सहारे जमीन पर आ गिरे। इसके बाद सुखोई बिना पायलट के पहले वाले घटनास्थल से करीब 90 किमी दूर राजस्थान के भरतपुर जिले के पिंगोरा में जा गिरा। पहले भरतपुर में एक फाइटर प्लेन के क्रैश होने की खबर आई। कुछ देर बाद मुरैना से भी एक फाइटर प्लेन के क्रैश होने की खबर मिली। तब यह समझा जा रहा था कि ये दोनों अलग-अलग घटनाएं हैं। लेकिन, कुछ देर बाद कंफर्म किया गया कि दोनों एयरक्राफ्ट ग्वालियर एयरबेस से उड़े थे और मुरैना के पास आपस में टकरा गए। एयरफोर्स ने ट्वीट कर स्थिति साफ की और बताया कि सुखोई और मिराज एयरक्राफ्ट हादसे के शिकार हुए हैं। भरतपुर जिलाधिकारी ने पहले की रिपोर्ट में चार्टर जेट की पुष्टि की थी। हालांकि रक्षा सूत्रों ने पुष्टि की कि भारतीय वायुसेना के जेट आसपास के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं।
बता दें कि मिराज 2000 (Mirage 2000) फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत होती है। इस जेट की लंबाई 47.1 फीट होती है. विंगस्पैन 29.11 फीट होती है। ऊंचाई 17.1 फीट होती है. हथियारों और ईंधन के साथ इसका वजन 13,800 किलोग्राम हो जाता है। वहीं सुखोई 30 की बात करें तो इसकी लंबाई 72 फीट है। विंगस्पैन 48.3 फीट है। ऊंचाई 20.10 फीट है। इसका वजन 18,400 KG है। इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं। विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भरतपुर में विमान का मलबा जिले के पिंगोरा रेलवे स्टेशन के पास गिरा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान में हवा में ही आग लग गई थी। विमान हादसे के बाद घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई है। पुलिस और प्रशासन की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं। भरतपुर में तैनात राजस्थान पुलिस के डीएसपी अजय शर्मा ने बताया कि सुबह हमें 10 बजे के करीब सूचना मिली थी कि एक प्लेन क्रैश हुआ था। मौके पर आने पर पता चला कि ये एयर फोर्स का कोई फाइटर जेट है।