उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी की विधायक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विधानसभा सदन में तारीफ करना अखिलेश यादव को पसंद नहीं आया। इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। एक दिन पहले बुधवार 13 अगस्त को सदन में सपा विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की प्रशंसा की थी।

कौशांबी की चायल से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को गुरुवार को अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। पूजा पाल को ऐसे समय सपा से निकाला गया है जब विधानसभा में उन्होंने सीएम योगी की जमकर तारीफ की है। पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर हत्या का आरोप है।
अच्छा ये था की उनको अपना टिकट पक्का करा लेना चाहिए था।
पूजा पाल ने विधानसभा में इस बात का भी जिक्र किया। कहा कि मेरे पति के हत्यारों को सजा देकर सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया है।

पूजा पाल ने सदन में कहा था कि मैंने अपना पति खोया है, सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी, जब किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया।

मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों मिट्टी मिलाया है।मैं उनके इस जीरो टॉलरेंस का समर्थन करती हूं। मैंने तब आवाज उठाई, जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता, जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया। आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है।पूजा पाल प्रयागराज के कटघर मोहल्ले में रहती थीं। 16 जनवरी 2005 को पूजा की शादी धूमनगंज के उमरपुर नीवां के निवासी राजू पाल के साथ हुई। राजू पाल उस समय इलाहाबाद के शहर पश्चिमी सीट से बसपा के विधायक थे।

पूजा की शादी के महज 9 दिन बाद ही उनके पति राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी । इसमें माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नाम आया था। पति की हत्या के बाद पूजा पाल भयभीत नहीं हुईं और हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती रहीं।
2007 में पहली बार बसपा से शहर पश्चिमी से चुनाव जीतकर विधायक बनीं। 2012 में भी बसपा से चुनाव जीतीं। 2017 में बसपा से लड़ कर हार गई थीं। 2022 में सपा के टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से चुनाव लड़ी और विधायक बनीं।