तीन दिनों से लगातार भारी बारिश और बर्फबारी के बाद मैदान से लेकर पहाड़ तक मुसीबत बन गई है। दिल्ली एनसीआर से लेकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में तमाम राज्यों में बारिश से जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार सुबह एक ग्लेशियर टूटने की वजह से 57 लोग बर्फ में दब गए हैं। मजदूर 8 कंटेनर और एक शेड में थे। घटना बद्रीनाथ से लगे चमोली के माणा गांव में हुई। यहां बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की टीम चमोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फ हटाने में लगी हुई है।
सेना के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी और बीआरओ की टीमें मौके पर हैं। सेना के मुताबिक घटना की जानकारी मिलते ही आईबेक्स ब्रिगेड के 100 से ज्यादा कर्मी तत्काल रेस्क्यू में जुटे। इसमें डॉक्टर, एम्बुलेंस स्टाफ भी शामिल हैं। सुबह 11.50 बजे टीम ने पांच कंटेनरों का पता लगाया और 10 मजदूरों का रेस्क्यू किया। इन लोगों को जोशीमठ और माणा के अस्पतालों में भेजा गया है। 10 में से 4 की हालत गंभीर है।
सेना के मुताबिक बाकी के 3 कंटेनरों की भी तलाश जारी है। अब तक कुल 16 मजदूरों का रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि 41 अभी भी फंसे हुए जिन्हें निकालने के लिए सेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। भारतीय सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक फंसे हुए व्यक्तियों को बचाने के उद्देश्य से शेष तीन कंटेनरों के लिए खोज अभियान जारी है। क्षेत्र में भारी बर्फबारी जारी है, और GREF जोशीमठ और माणा के बीच सड़क को साफ करने का काम कर रहा है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीआरओ के 57 कर्मचारी हिमस्खलन में फंस गए थे, जिनमें से 16 को बचा लिया गया है। सभी तैयारियां कर ली गई हैं। हम ITBP से मदद ले रहे हैं। जिला प्रशासन और अन्य सभी लोग संपर्क में हैं और हम जल्द से जल्द सभी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
मौसम खराब होने की वजह से राहत बचाव के कार्य में परेशानी आ रही–

मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा। एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन द्वारा बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की। हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से लगा हुआ है। एनडीआरएफ की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच रही हैं। हाईवे बर्फ से ढका होने के कारण रास्ता बंद होने से एनडीआरएफ को घटनास्थल पहुंचने में आ रही दिक्कतें। शुक्रवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश और 3200 मीटर व उससे ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। भारी बर्फबारी के कारण हिमस्खलन होने की भी चेतावनी जारी की गई।

राज्य आपातकालीन केंद्र द्वारा आज शुक्रवार को उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी व एवलांच की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ड्रोन की टीम को भी तैयारी हालात में रखा गया है। भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है। एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र के सटीक निर्देशांक प्राप्त किये गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि माणा गांव के पास हिमस्खलन की घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए।