संसद का मानसून सेशन शुरू होने से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें बिना किसी बाधा के सेशन चलाने को लेकर सभी दलों के साथ चर्चा की जाएगी। 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सेशन में सरकार 21 नए बिल पेश करने वाली है। यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल भी पेश किया जा सकता है। मानसून सत्र के हंगामेदार होने की पूरी उम्मीद है। इस साल के आखिर तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा के चुनाव को देखते हुए बीजेपी और दूसरी पार्टियां एक दूसरे पर तीखे हमले बोल रही हैं। दिल्ली सरकार के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार बिल लेकर आएगी, जिस पर काफी हंगामा मचने के आसार हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे देश में विभिन्न पार्टियों से इस बिल का विरोध करने की अपील की है। कांग्रेस ने भी बिल का विरोध के मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन दिया है।
इसके साथ ही कांग्रेस और दूसरी पार्टियां मणिपुर के मुद्दे पर मोदी सरकार को घरने की तैयारी कर रही हैं। वहीं, केंद्रीय जांच एजेंसियों को गलत इस्तेमाल और महंगाई का मुद्दा भी संसद के मानसून सत्र में छाया रह सकता है। संसद का पिछला सत्र का भी ज्यादातर हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया था।