इन दिनों पूरे देश भर में बारिश का मौसम चल रहा है। बारिश का सीजन गर्मी से राहत देता है और मौसम भी सुहाना रहता है। लेकिन इस मौसम में कई बीमारियां भी दस्तक देती हैं। उन्हीं में से एक आंखों में संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इन दिनों आई फ्लू तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में आई फ्लू के मरीज तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। दिल्ली एनसीआर में कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगे हैं । आई फ्लू लंबे समय से एक मानसून में होने वाली बीमारी रही है। आई फ्लू के तहत पलक में इन्फेक्शन और पुतली में घाव हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस में आंखों में जलन होती है। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है। इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में जाती है। बरसात के मौसम में आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है। कंजक्टिवाइटिस के वातावरण में बैक्टीरिया या वायरल होते हैं। कभी-कभी लोगों को यह एलर्जी की प्रतिक्रिया के माध्यम से भी हो सकता है। कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
इसके सामान्य लक्षणों में आंखें लाल होना, खुजली, आंसू आना शामिल हैं। आंखों के आसपास डिस्चार्ज या पपड़ी भी हो सकती है। अगर डॉक्टर को लगता है कि यह कंजक्टिवाइटिस ही है तो वह डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लिख सकते हैं। आई फ्लू या कन्जंक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें और उन्हें ठंडे पानी से बार-बार धोएं। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। कन्जंक्टिवाइटिस से पीड़ित होने पर बार-बार आंखों पर हाथ न लगाएं। आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें। आंखों पर बर्फ की सिकाई जलन और दर्द से राहत दिलाती है। संक्रमण के दौरान गंदगी और ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनकी चीजें जैसे चश्मा, तौलिया और तकिया न छुएं। साथ ही अपना तौलिया, रूमाल, चश्मा किसी के साथ साझा न करें। बीमारी फैलने का सबसे आम तरीका यह है कि जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण नजर आते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।