उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा संपन्न हो चुकी है। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर बंद कर दिए गए। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड में स्थित चारों धाम की यात्रा विधिवत तरीके से संपन्न हो गई है। मानसून सीजन में यह यात्रा जरूर प्रभावित हुई. लेकिन उसके बाद यात्रा ने भी फिर से रफ्तार पकड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है की यात्रा व्यवस्था अच्छी रही। इसलिए इस वर्ष रिकार्ड यात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे हैं। उम्मीद है कि अगले वर्ष और अच्छी व्यवस्था होने के बाद यात्रा में इजाफा होगा।
परंपरा के अनुसार उद्धव और कुबेर की प्रतिमाओं को भी गर्भगृह से बाहर लाया गया, शीतकालीन प्रवास के दौरान भक्त अब भगवान बद्रीनाथ के दर्शन पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी में कर सकेंगे।
कपाट बंदी की प्रक्रिया के दौरान गढ़वाल राइफल्स का बैंड भी तैनात रहा, जिसने परंपरा के अनुसार अंतिम धुनें बजाईं। जिसमें मंदिर परिसर में खड़े श्रद्धालु थिरक रहे हैं। ‘जय बद्रीविशाल’ और ‘जय बद्रीनाथ’ के जयकारे गूंजते रहे।
इस खास अवसर पर मंदिर को 12 क्विंटल गेंदे को फूलों से सजाया गया। इस सीजन अभी तक 16 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग बद्रीविशाल के दर्शन करने पहुंचे हैं।

