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मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपनी चमत्कारी शक्तियों से देश भर में चर्चा में बने हुए हैं।
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कथा सुनाने पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री अचानक सुर्खियों में आ गए। सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में प्रशंसक भी उनके साथ जुड़ गए हैं। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों का बहस का दौर भी शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है। हालांकि कई दिनों से उन्हें कई कट्टरपंथियों के द्वारा आलोचना और धमकी भी मिली। इसे देखते हुए अब उन्हें सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई है। अब कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री जहां जाएंगे उनके साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। वहीं इस वीडियो में बाबा धीरेंद्र शास्त्री के काफिले में गाड़ियों में सुरक्षाकर्मी लटकते हुए दिखाई दे रहे हैं। कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फरवरी महीने की शुरुआत में प्रयागराज आएंगे।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब यूपी में भी दरबार लगाएंगे। संगम नगरी प्रयागराज में 2 फरवरी से बागेश्वर धाम का दरबार सजेगा। बताया जाता है कि प्रयागराज शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर मेजा तहसील क्षेत्र में धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम होगा। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी नाम लिए बिना बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उत्तराखंड के जोशीमठ जाकर चमत्कार से दरारें भरने की चुनौती दी थी। उन्होंने ये कहा था कि मैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नहीं जानता। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि हमने उन सभी बाबाओं को चमत्कार दिखाने की चुनौती दी है जो चमत्कार के नाम पर ठगी कर रहे हैं।
बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री का देशभर में बढ़ गया है वैभव
बता दें कि बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और बागेश्वर सरकार के बीच विवाद चल रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार कई वाद-विवाद की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। उन पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लग रहे हैं। कई लोग ये सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर पर्ची वाले बाबा के पास कौन सा ऐसा ज्ञान या दिव्य दृष्टि है जिससे उनको आपके बारे में पता चल जाता है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारों को लेकर विवाद इतना बढ़ गया है कि उनके दिव्य दरबार पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद से राजनीति हो या धर्मगुरु सभी दो खेमों में बंट गए हैं। कोई उनके समर्थन में बोल रहा है तो कोई उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहा है। इन आरोपों के बीच धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “मैं कब से बोल रहा हूं कि मैं कोई अंधविश्वास नहीं करता हूं, इसीलिए क्लीनचिट मिली है। प्रवचन के लिए अगर हमें चांद पर भी चलने को कोई कहे, तो हम चल देंगे। कल भी इतने भक्त थे आज भी इतने भक्त हैं। कल भी धीरेंद्र शास्त्री था, आज भी हूं। ना मैं कल ईश्वर थे ना आज ईश्वर हूं, केवल बागेश्वर जी की कृपा है।”
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म सन 1996 में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हुआ था
बता दें कि बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का जन्म वर्ष 1996 में छतरपुर जिले में हुआ था। उनके पिता रामकृपाल गर्ग और माता सरोज की तीन संतानें हैं। धीरेंद्र शास्त्री का एक छोटा भाई है राम गर्ग और बहन रीता गर्ग। उनका नाम धीरेंद्र गर्ग है और उनकी मां उन्हें प्यार से धीरू बुलाती हैं। धीरेंद्र गर्ग की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई और इसके बाद उन्होंने पास के गांव से ही हाईस्कूल और हायर सकेंड़ी की पढ़ाई पूरी की। धीरेंद्र का परिवार बहुत गरीब था और उनके पिता पुरोहित का काम किया करते थे। परिवार के चाचा के साथ पुरोहित का काम बांटने के बाद धीरेंद्र गर्ग के परिवार पर आर्थिक संकट छा गया था। इस दौरान उनकी मां ने भैंस का दूध बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण किया।इस बीच धीरेंद्र गर्ग बड़े होने लगे और वह गांव के लोगों को कथा सुनाने लगे और ऐसा करते-करते उन्होंने वर्ष 2009 में पहली बार अपने गांव के पास ही पहली भागवत कथा सुनाई. इसके बाद उन्होंने अपने गांव के सबसे प्राचीन मंदिर जिसमें भगवान शिव का ज्योर्तिलिंग है वहां वर्ष 2016 में गांववालों के सहयोग से यज्ञ का आयोजन किया। इस मंदिर में महाराज की मूर्ति की स्थापना की तब से यह स्थान बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाने लगा। श्रीबाला जी महाराज के इस मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि भी है। जब धीरेंद्र शास्त्री यहां कथा करने लगे तो बागेश्वर के इस मंदिर को लोग बागेश्वर धाम कहने लगे। आज हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।