जोशीमठ में संभावित आपदा को रोकने और स्थानीय लोगों की सब प्रकार से सुरक्षा और पुनर्वास की चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों कर रहे हैं। गृह मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ जोशीमठ पर एक बड़ी मीटिंग के बाद गृह मंत्री अमित शाह प्रकृति का सम्मान और धरती की सुरक्षा करते हुए अंतरिक्ष तक पहुंचने का संदेश देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मार्गदर्शक डॉ. मुरली मनोहर जोशी से उनके आवास 6 रायसीना पर मिलने पहुंचे । गृह मंत्री ने डॉ.जोशी को विलंबित जन्म दिन की शुभकामना देने के साथ जोशीमठ की रक्षा के लिए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहें प्रयासों के विषय में भी बताया। संयोग की बात है कि 5 जनवरी को पर्वतीय लोकविकास समिति के माध्यम से दिल्ली में आयोजित डॉ. मुरली मनोहर जोशी के अमृतोत्सव अभिनंदन समारोह में डॉ.मुरली मनोहर जोशी ने हमेशा की तरह अपने वक्तव्य में पर्यावरण की चिंता और उत्तराखंड के लोगों के ठोस कल्याण का आह्वान किया था। अपने आवास 6 रस्यसीना रोड में आयोजित कार्यक्रम में डॉ.जोशी ने कहा कि भौतिक दृष्टि के साथ एक तरफ तो हम अंतरिक्ष में जा रहे हैं लेकिन धरती को बचाने के प्रति गंभीर नहीं हैं । अंधाधुंध शोषण के कारण प्रकृति ने लोगों को काफी कष्ट दिए हैं लेकिन हम अभी भी चेते नहीं हैं। देवभूमि उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के साथ वहां की सरकार तीर्थाटन और जैविक कृषि के प्रोत्साहन के लिए विशेष कार्य करेगी तो ठोस जनकल्याण सुनिश्चित होगा। देवभूमि जोशीमठ की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृह मंत्री अमित शाह नजर रखे हुए हैं।