Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भोले के भक्तों की टोली रवाना हो गई। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार, 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। श्रद्धालुओं ने ‘हर हर महादेव‘ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ।
अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक शुरुआत 3 जुलाई से होगी, पहले जत्थे की रवानगी के साथ ही पूरे जम्मू में भक्ति का माहौल साफ नजर आने लगा है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज श्री अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना करने से पहले जम्मू आधार शिविर यात्री निवास में पूजा-अर्चना की। इस बार यह यात्रा 38 दिनों तक चलेगी।

राज्यपाल ने यात्रियों के पहले जत्थे को दिखाई हरी झंडी
जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से बुधवार तड़के 4 बजे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बालटाल और पहलगाम आधार शिविर के से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर यात्रा की औपचारिक शुरुआत की। आज पहला जत्था जम्मू स्थित भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हो गया। यात्रा को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। श्री अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में शामिल एक श्रद्धालु शालू ने कहा, हम दिल्ली से आए हैं, बहुत खुशी है लोगों को बहुत खुशी है। साल भर तक लोग इसका इंतजार करते हैं। खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं। डरने की कोई बात नहीं है। बहुत अच्छी सुरक्षा है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से श्रद्धालु यहां आए हैं। उत्साह बहुत अधिक है। भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी।
कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट—
1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।
तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।
2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।
यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें… यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें।