भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण सिंह को हटाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे पहलवान साक्षी मलिक बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सोमवार को राजधानी दिल्ली में नौकरी पर लौट आए हैं। बता दें कि यह तीनों पहलवान रेलवे में नौकरी करते हैं। रविवार को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर लंबी मुलाकात की थी। सोमवार को तीनों पहलवानों ने रेलवे ऑफिस पहुंचकर नौकरी पर लौट आए हैं। मलिक ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ये खबर बिलकुल गलत हैं। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।’भारतीय रेसलिंग संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में प्रदर्शन पर बैठे पहलवानों में से साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने सोमवार को अपनी-अपनी रेलवे की नौकरी फिर से ज्वाइन कर ली है। जैसे ही दोनों पहलवानों के नौकरी फिर से ज्वॉइन करने की बात सामने आई तो माना जा रहा था कि इन्होंने खुद को इस प्रदर्शन से अलग कर लिया है लेकिन दोनों पहलवानों ने तुरंत ही ट्वीट कर इस मामले में सफाई दे दी है। उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा।ये पहलवान पहले 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर 29 मई तक धरना दिया। इस दौरान पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इससे पूर्व जनवरी के महीने में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दिया था। हालांकि उस दौरान खेल मंत्रालय के दखलंदाजी के बाद पहलवान वापस लौट गए थे। बीते 21 अप्रैल को 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सीपी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.इस शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 28 अप्रैल को यौन उत्पीड़न का दो मामला दर्ज किया था। बता दें कि बीते शनिवार को पहलवानों का एक दल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचा था। हालांकि पहलवानों ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि बैठक के दौरान क्या बातचीत हुई है। बीते 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी। द इंडियन एक्सप्रेस ने शुक्रवार को रिपोर्ट किया था, पेशेवर सहायता के बदले दो सेक्सुअल फेवर के भी मामले हैं।