आज हम बात करेंगे एक ऐसे शब्द की जो आपने फिल्मों, राजनीति के साथ गैंगस्टर की दुनिया में खूब सुना होगा। हम बात कर रहे हैं “तड़ीपार” की। आमतौर पर अपराधियों-माफियाओं के खिलाफ पुलिस तड़ीपार की कार्रवाई करती है। शांति पूर्वक व्यवस्था के लिए पुलिस असामाजिक तत्वों, गुंडे- बदमाशों के अलावा चोरों की लिस्ट में शामिल आरोपियों पर तड़ीपार की कार्रवाई करती है। यह तड़ीपार की कार्रवाई जिले और राज्य की सीमा से बाहर आरोपियों पर की जाती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनाव चल रहे हैं। इसी को लेकर पुलिस अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर पर निगाह बनाए हुए है। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस में एक सपा नेता को पूरे गाजे-बाजे के साथ तड़ीपार किया है। यूपी के मऊ में सपा नेता विद्युत यादव को झउआ भर पुलिस वाले ढोल नगाड़े के साथ मऊ की सीमा पर जिला बदर करने पहुंचे। विद्युत यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के करीबी नेताओं में आते हैं। गुरुवार को मऊ पुलिस ने गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए सपा नेता को जिला बदर कर दिया। पुलिस ने ढोल नगाड़े बजाते हुए उन्हें जिले से बाहर का रास्ता दिखाया और साफ कहा कि अगर अगले छह महीने के भीतर अगर आप मऊ जनपद में दिखाई देंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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मऊ पुलिस ने बाकायदा सपा नेता विद्युत यादव को साथ लेकर आई और फिर मऊ जिले की सीमा तक ले गई। इसके बाद ढोल नगाड़े बजाते हुए उन्हें जिले से बाहर खदेड़ते हुए कहा कि भाग जाओ अगर 6 महीने के पहले दिख गए तो खैर नहीं। इसके बाद सपा नेता चुपचाप अकेले वहां से निकल गए और कहा कि वो अगले छह महीनों तक यहां नहीं दिखेंगे। सपा नेता विद्युत यादव पर लगभग आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। जिसमें वो जमानत पर चल रहे हैं,गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दो चरणों में निकाय चुनाव होने हैं। 4 मई को पहले जबकि 11 मई को दूसरे चरण में वोट पड़ेंगे। पुलिस की इस कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं तड़ीपार का क्या शाब्दिक अर्थ है।
बता दें कि जब किसी भी व्यक्ति को उसके घर, रहने के स्थान, शहर, गांव, कस्बे या देश से निकाल बाहर कर दिया जाता है तो उसे कहा जाता है तड़ीपार करना। इस शब्द का हिंदी में पर्यायवाची होता है “निर्वासन“। प्राचीन समय में जब कोई राजा दूसरे देश के राजा को हरा देता था तब या तो उस हारे हुए राजा को मार दिया जाता था या फिर उसे तड़ीपार कर दिया जाता था ताकि वह अपनी सेना तथा प्रजा को पुनः संगठित कर विद्रोह ना कर सके। इसके अलावा आज के समय में भी जब पुलिस किसी व्यक्ति को गुनहगार मानती है तथा वह बेल पर होता है या किसी भी परिस्थिति में वह जेल से बाहर होता है तो पुलिस उसे तड़ीपार का आदेश दे सकती है ताकि वह अपने क्षेत्र में रहकर गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ ना कर सके।
इसके अलावा बहुत से अन्य कारणों से भी तड़ीपार का आदेश दिया जाता है जैसे की ग्राम पंचायतों द्वारा किसी ग्रामवासी को सबकी सहमति पर गांव निकाला देना जो कि एक अवैध प्रक्रिया है क्योंकि ग्रामपंचायत के पास इसका अधिकार नही है लेकिन फिर भी ग्रामवासियों की सर्वसहमति से ये ग्रामस्तर पर किया जाता है। इसके अलावा वैध प्रक्रिया के चलते अदालत द्वारा भी कई बार अपने देश या राज्य से निर्वासित होने का आदेश दिया जा सकता है।