पिछले महीने 27 मई को केरल से शुरू हुआ मानसून पूरे देश भर में छा गया है। भारत के दक्षिण से लेकर उत्तर भारत राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत तमाम राज्यों में हो रही धुआंधार मानसूनी बारिश ने गर्मी से राहत दे दी है लेकिन रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। भारी बारिश के बीच सड़कों पर बहुत जोखिम भरा रहता है। सबसे बड़ी परेशानी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में होती है। वहीं दूसरी ओर ओडिशा के पुरी में इन दिनों भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकल रही है। आज सुबह ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान एक दुखद घटना घटी। रथ यात्रा के बीच मची भगदड़ में तीन लोगों की जान चली गई जबकि छह अन्य घायल हो गए। घायलों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। बीते कुछ दिनों से जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा का आयोजन चल रहा है। घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है। रविवार तड़के करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर के सामने, भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के पास भीड़ में भगदड़ मच गई।
इस दौरान 3 श्रद्धालुओं की मौत और 10 लोग घायल होने की खबर है। हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनके नाम बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास थे। सभी शव पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गए हैं। हादसा तब हुआ, जब रथों के दर्शन के लिए भारी भीड़ जुट गई थी। इसी दौरान भगदड़ मची और गिरने से लोग कुचल गए। बताया जा रहा है कि जहां भगदड़ हुई, वहां पर्याप्त पुलिस या सुरक्षा बल तैनात नहीं थे। भगवान बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले ही श्रध्दाबली (समाप्ति स्थल) पहुंच चुके थे। बाद में भगवान जगन्नाथ का रथ अपनी मौसी के यहां गुंडिचा मंदिर पहुंचा।भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ शनिवार को ही अपने गंतव्य गुंडिचा मंदिर पहुंच गए थे। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मीडिया से कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की व्यवस्था अधूरी थी। बताया जा रहा है कि घायलों में से कुछ लोगोंं की हालत गंभीर बनी हुई है।

गुंडिचा मंदिर को देवताओं की ‘मौसी’ का घर माना जाता है जहां वे हर साल जगन्नाथ मंदिर से निकलकर जाते हैं। यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। औपचारिक शोभायात्रा के बाद देवताओं को रविवार को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा। इस बीच भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और हर कोई ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरि बोल’ के जयकारों के बीच आतुर दिख रहा है। इससे पहले शनिवार को रथ यात्रा के दौरान 600 से अधिक श्रद्धालु बीमार पड़े जिनका पुरी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया गया। इनमें से कई लोग धक्का-मुक्की के कारण घायल हुए जबकि 200 से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम के कारण बेहोश हो गए। पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए पुरी पहुंचते हैं। रथयात्रा के दौरान भगवान को श्रीमंदिर से बाहर लाकर श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। जहां वे कुछ दिन विश्राम करते हैं। इसी यात्रा के बीच यह हादसा हुआ है।