आज हम बात करेंगे भाजपा के एक ऐसे सीनियर नेता की जो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सबसे युवा केंद्रीय मंत्री बने थे। उन्हें “नागरिक उड्डयन मंत्री” बनाया गया था। लेकिन साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद यह बीजेपी नेता केंद्र में मंत्री पद नहीं पा सके। हम बात कर रहे हैं शाहनवाज हुसैन की। आखिरकार भाजपा हाईकमान ने करीब डेढ़ साल पहले जनवरी, 2021 को इन्हें बिहार की नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री बनाया था। साल 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेडीयू ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया और आरजेडी के साथ सरकार बना लिए। इसके बाद शाहनवाज के पास मंत्री पद भी चला गया। उसके दूसरे दिन ही शाहनवाज हुसैन दुष्कर्म के मामले में घिर गए। दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रिपोर्टर दर्ज के आदेश जारी किए थे। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली। बलात्कार के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई सितंबर के तीसरे हफ्ते में होगी। हाई कोर्ट ने 2018 के एक मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और 3 महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था।इसके बाद शाहनवाज ने आरोप को झूठा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हुसैन ने दलील दी कि पुलिस ने प्राथमिक जांच में महिला की तरफ से लगाए गए आरोप को झूठा और निराधार पाया था। जो मामला प्राथमिक जांच में ही झूठा पाया गया, उसमें अगर एफआईआर दर्ज होती है तो यह उनकी छवि को नुकसान पहुंचाएगा। फिलहाल भाजपा नेता हुसैन को राहत मिल गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन को लेकर आज आया राहत भरा “बड़ा फैसला”
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