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December 14, 2025
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60 दशक की बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख को मिलेगा इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, जन्मदिन से 6 दिन पहले मिला बड़ा सम्मान

60’s Bollywood actress Asha Parekh will get this year’s Dadasaheb Phalke Award, a big honor 6 days before her birthday

हिंदी सिनेमा की 60-70 दशक की फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को उनके जन्मदिवस से 6 दिन पहले दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। ‌ इस घोषणा के बाद आशा पारेख के प्रशंसकों में खुशी का माहौल है। ‌ बता दें कि बॉलीवुड फिल्म जिस चीज का दादा साहब फाल्के सर्वोच्च अवॉर्ड माना जाता है। ‌आशा पारेख को ये अवॉर्ड एक्ट्रेस को फिल्म इंडस्ट्री में दिए गए योगदान के लिए दिया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए आशा को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों के काम को सम्मानित करने के लिए हर साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड्स दिया जाता है। 79 साल की आशा पारेख को ये सम्मान 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में दिया जाएगा। आखिरी बार ये अवॉर्ड 2019 में हुआ था, जिसमें साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

आशा ने 16 साल की उम्र में फिल्मों में वापसी का फैसला लिया। वे विजय भट्ट की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ (1959) में काम करना चाहती थीं, लेकिन डायरेक्टर ने उन्हें यह कहकर चांस नहीं दिया कि वे स्टार मटेरियल नहीं हैं। हालांकि, दूसरे ही दिन उन्हें प्रोड्यूसर सुबोध मुखर्जी और डायरेक्टर नासिर हुसैन ने अपनी फिल्म ‘दिल देके देखो’ (1959) में साइन कर लिया। इस फिल्म में शम्मी कपूर उनके अपोजिट रोल में थे। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और आशा रातों रात बॉलीवुड की सुपरस्टार बन गईं। इस फिल्म के बाद हुसैन ने आशा को छह और फिल्मों ‘जब प्यार किसी से होता है’ (1961), ‘फिर वही दिल लाया हूं’ (1963), ‘तीसरी मंजिल’ (1966), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘प्यार का मौसम’ (1969) और ‘कारवां’ (1971) के लिए साइन कर लिया और सभी ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता बटोरी। 2 अक्टूबर 1942 को आशा का जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। गुजराती परिवार में जन्मी आशा वर्तमान में डांस एकेडमी ‘कारा भवन’ चला रही हैं। इसके अलावा, सांता क्रूज, मुंबई में उनका हॉस्पिटल ‘बीसीजे हॉस्पिटल एंड आशा पारेख रिसर्च सेंटर’ भी चल रहा है। आशा पारेख ने बॉलीवुड की करीब 95 फिल्मों में काम किया है। साल 1999 में आई फिल्म ‘सर आंखों पर’ वे आखिरी बार नजर आई थीं। आशा को 11 बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 1992 में उन्हें भारत सरकार की ओर से देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था।

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