15 अप्रैल रविवार रात करीब 10:30 बजे उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद कॉल्विन अस्पताल के बाहर माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया कर्मी बनकर आए शूटरों ने हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। वहीं प्रदेश के साथ देशभर में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद मीडिया कर्मियों के साथ लोगों की निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली प्रक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हालांकि अतीक की हत्या के बाद सीएम योगी ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक भी की। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को कड़े निर्देश भी जारी किए थे। लेकिन वह तीन दिनों तक अपने लखनऊ स्थित आवास पर ही रहे। आखिरकार मंगलवार 18 अप्रैल को सीएम योगी पहली बार सार्वजनिक इस स्थान पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने हत्याकांड के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर पहली प्रतिक्रिया दी। वहीं मुख्यमंत्री ने सख्त चेतावनी भी दी है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि अब माफिया किसी को डरा नहीं सकता है।
मुख्यमंत्री योगी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ कपड़ा पार्क में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब थी और प्रदेश दंगों के रूप कुख्यात था। बहुत से जनपद ऐसे थे जिसके नाम से लोग डरते थे आज लोगों को जनपद के नाम से डरने की जरूरत नहीं है। जो पहले प्रदेश के पहचान के लिए संकट थे आज प्रदेश उनके लिए संकट बनता जा रहा है।
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की शनिवार देर रात करीब 10 बजे मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय अतीक और अशरफ को पुलिस चिकित्सा जांच करवाने के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी।