उत्तराखंड का 21वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। कुमाऊं और गढ़वाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर पांच बड़ी हस्तियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान देने का भी एलान किया गया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, अंतरराष्ट्रीय लेखक रस्किन बॉन्ड, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल, पर्यावरणविद अनिल जोशी और लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड गौरव सम्मान दिया गया। इस मौके पर देहरादून में भी राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन में कई कार्यक्रम आयोजित हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई सौगात दी। पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की। आंदोलनकारियों की पेंशन को 3100 रुपये से 4500 रुपये और पांच हजार रुपये से बढ़ाकर छह हजार रुपये किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ देने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारा राज्य अतुलनीय प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। साथ ही प्राकृतिक आपदाएं भी समय-समय पर हमारी परीक्षाएं लेती रही हैं। पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण आई आपदा इसका एक उदाहरण है, जिसमें कई लोगों ने जान गंवाईं, जो अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री ने अपनी संवेदनाएं भी प्रकट कीं। पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह ने रैतिक परेड का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की बधाई दी। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी राजभवन पहुंचे। इस मौके पर रावत ने कहा कि हमने अपनी सीमा के भीतर दूसरे देश के लोगों को बसने नहीं दिया। सीडीएस ने कहा कि हमने अपनी सीमाओं की ठीक से देखभाल की है। उत्तराखंड के बाड़ाहोती में चीनी घुसपैठ के सवाल पर उन्होंने कहा कि चीन जहां तक अपनी सीमा समझता है, वहां तक आता है, इसकी रिपोर्ट भी आ जाती है। इसी तरह हमारी सेना भी जहां तक अपनी सरहद समझती है, वहां तक जाती है।
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