(India first electric express way) : यातायात और आवागमन को लेकर भारत भी अब विकसित देशों के साथ तेजी से रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। देश में रेल और सड़क मार्ग दोनों ही विश्व स्तरीय हाईटेक होते जा रहे हैं। अब जल्द ही देश में आगरा यमुना एक्सप्रेसवे और दिल्ली जयपुर हाईवे “इलेक्ट्रिक एक्सप्रेसवे” हो जाएंगे। इन दोनों मार्गों पर बड़े वाहन, जैसे बस और ट्रक चलते-चलते ही सोलर सिस्टम से चार्ज हो सकेंगे। यानी जल्द ही पेट्रोल, डीजल, सीएनजी का झंझट खत्म हो जाएगा। पिछले दिनों देश में इलेक्ट्रिक हाईवे को लेकर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है। गडकरी ने कहा कि हम दुनिया में सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने जा रहे हैं। नितिन गडकरी ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में दोहराया कि सरकार बिजली पर भारत की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को विकसित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि, सरकार विद्युत गतिशीलता के लिए सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग तंत्र को दृढ़ता से प्रोत्साहित कर रही है। भारत ने दुनिया के सबसे लंबे इलेक्ट्रिक हाईवे के निर्माण के लिए अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग नामक योजना शुरू की है। इसके तहत सबसे पहले दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे और दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे को इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने का प्रोजेक्ट चल रहा है। दिल्ली जयपुर हाईवे का पिछले दिनों ट्रायल भी शुरू हो चुका है। वहीं आगरा यमुना एक्सप्रेसवे पहले ही ट्रायल पूरा हो चुका है। दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे को मिलाकर करीब 500 किलोमीटर इलेक्ट्रिक हाईवे के मार्च 2023 तक शुरू हो जाने की उम्मीद है। ये देश का पहला और दुनिया का सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे होगा। बता दें कि करीब 3 साल पहले जर्मनी में सबसे पहला इलेक्ट्रिक हाईवे शुरू हुआ था। इसके साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और फ्रांस समेत कई देशों में इलेक्ट्रिक हाईवे पर तेजी के साथ काम चल रहा है। भारत में भी करीब 5 साल पहले इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने के लिए कार्य योजना शुरू की गई थी। यमुना एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर इलेक्ट्रिक हाईवे करीब 6 महीने बाद मार्च 2023 तक पूरा हो सकता है। बताया जा रहा है कि इन दोनों एक्सप्रेस वे पर एक लेन इलेक्ट्रिक हाईवे की होगी।
