प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश के साथ दुनिया के तमाम देशों में खूब सर चढ़कर बोलती है। पीएम मोदी इन दिनों छह दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री शुक्रवार सुबह राजधानी दिल्ली से जापान के शहर हिरोशिमा के लिए रवाना हुए थे। यहां पर पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की समेत कई राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात की। आज, 21 मई प्रधानमंत्री का विदेश दौरे का तीसरा दिन है। लेकिन आज एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो पूरे दुनिया भर में है सुर्खियों में छा गई है। साल 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैकड़ों बार विदेश के दौरे किए हैं। लेकिन किसी देश के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी का ऐसा संस्कारिक स्वागत पहली बार किया है। जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को छोटा सा द्विपीय देश पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। प्रधानमंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री यहां पहुंचे जब रात हो चुकी थी। प्रधानमंत्री मोदी का पापुआ न्यू गिनी के मोरेस्बी (जैक्सन) इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे भी मोजूद थे। प्रधानमंत्री जेम्स मारपे ने वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए सूर्यास्त के बाद पीएम मोदी को लेने एयरपोर्ट आए, बल्कि उनके पैर छूकर सम्मान भी किया। पीएम ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। पीएम मोदी इस स्वागत से अभिभूत दिखे।
बता दें कि पीएम मोदी का यह स्वागत इसलिए भी खास है क्योंकि उस देश में नियम है कि वहां पर सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता, लेकिन पीएम मोदी के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी वो पहले शख्स हैं जिनके लिए इस देश ने अपनी पुरानी परंपरा को तोड़ा है। प्रशांत महासागर में स्थित यह द्वीपीय देश रात्रि पहर में विदेशी मेहमानों का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत नहीं करता है। लेकिन भारत की अहमियत और वैश्विक मंच पर पीएम मोदी की बढ़ती साख को देखते हुए वहां की सरकार ने यह फैसला लिया। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री के परंपरा तोड़ते हुए किए गए स्वागत के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा-“पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। मैं हवाईअड्डे पर आने और मेरा स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का आभारी हूं। यह बहुत खास इशारा है जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा। मैं अपनी यात्रा के दौरान इस महान देश के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूं।” पापुआ न्यू गिनी में भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में आया और उल्लेखनीय स्नेह दिखाया।
यादगार स्वागत के लिए उनका शुक्रिया। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा बेहद अहम है क्योंकि पापुआ न्यू गिनी हिंद प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है और अपनी लोकेशन की वजह से यह हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचने वाले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने पापुआ न्यू गिनी की यात्रा नहीं की है। पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी पर गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने पापुआ न्यू गिनी मे भारतीय समुदाय के लोगों के साथ मुलाकात भी की। इस दौरान भारतीय मूल के लोगों ने “घर घर मोदी हर हर मोदी” के नारे लगाए। यहां पीएम मोदी सोमवार को FIPIC शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। पापुआ न्यू गिनी जाने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) ने अहम शिखर सम्मेलन (एफआईपीआईसी) में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है। अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में मोदी 22 मई से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे।
पीएम मोदी के यहां पहुंचने पर पापुआ न्यू गिनी भारत समेत दुनिया भर में आया चर्चा में—
गौरतलब है कि साल 1981 में पहली बार कोई प्रधानमंत्री प्रशांत द्वीप देश की यात्रा पर गया है। उस समय इंदिरा गांधी ने फिजी देश का दौरा किया था। हालांकि इंदिरा गांधी की ऐतिहासिक यात्रा के 33 साल के बाद 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फिजी का दौरा करने पहुंचे थे। अब 9 साल बाद फिर से पीएम मोदी प्रशांत द्वीप देश पापुआ न्यू गिनी पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि उनकी ये यात्रा भारत और प्रशांत देशों के साथ रिश्तों को नए सिरे से आगे बढ़ाने की पहल होगी। भारत और प्रशांत देशों के रणनीतिक रिश्ते मौजूदा दौर को देखते हुए काफी अहम माने जा रहे हैं। इसकी वजह ये है कि चीन यहां भी चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। कुछ वक्त पहले चीन के राष्ट्रपति भी पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर गए थे। पूरे क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव को देखते हुए भारत की नजर पापुआ न्यू गिनी पर है। अपनी पापुआ न्यू गिनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी सोमवार को फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (FIPIC III समिट) के तीसरे शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। पापुआ न्यू गिनी के समकक्ष जेम्स मारापे भी होंगे। FIPIC समिट में 14 देशों के नेता भाग लेंगे। आम तौर पर कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों के कारण ये सभी शायद ही कभी एक साथ मिलते हैं। FIPIC को 2014 में पीएम मोदी की फिजी यात्रा के दौरान लॉन्च किया गया था। एफआईपीआईसी की व्यस्तताओं के अलावा पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे, प्रधान मंत्री मारापे और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले पीआईसी के कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां आने पर छोटा सा देश पापुआ गिनी भारत के साथ दुनिया भर में चर्चा में आ गया है।