Khalistan Amrit pal Singh supporters Indian embassy Attack शर्मनाक हरकत : खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग में घुसकर तोड़फोड़ की, "तिरंगा" उतारा, पूरा देश गुस्से में, देखें वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
November 21, 2024
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Khalistan Amrit pal Singh supporters Indian embassy Attack शर्मनाक हरकत : खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग में घुसकर तोड़फोड़ की, “तिरंगा” उतारा, पूरा देश गुस्से में, देखें वीडियो

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कई दिनों से देश में खास तौर पर पंजाब में खालिस्तान के समर्थकों ने एक बार फिर से अपनी गतिविधियां तेज कर दी है। ‌ पंजाब के साथ ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कनाडा में इन खालिस्तान समर्थकों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया है। ‌ केंद्र की मोदी सरकार को जल्दी ऐसे देश विरोधी लोगों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। अगर बात करें पंजाब की तो कई दिनों से यह प्रदेश धीरे-धीरे एक बार फिर साल 1980 की याद दिलाता जा रहा है। 80 के दशक में पूरा पंजाब खालिस्तान के समर्थकों ने अपने आगोश में ले लिया था। अब पंजाब में अमृतपाल सिंह केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है। ‌ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रविवार को जो कुछ भी हुआ बहुत ही शर्मनाक है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में लंदन में भारतीय हाई कमीशन में तोड़फोड़ की गई।


रविवार शाम को सैकड़ों की संख्या में खालिस्तान समर्थक हाई कमीशन के बाहर जमा हुए। बिल्डिंग में घुसे और तिरंगा उतार दिया। खालिस्तान समर्थकों के इस दौरान अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह के झंडे और पोस्टर के साथ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करते दिखे। अमृतपाल सिंह की तस्वीर वाले पोस्टर में लिखा था, ”फ्री अमृतपाल सिंह, वी वांट जस्टिस, वी स्टैंड विद अमृतपाल सिंह।’सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारों के साथ भारतीय ध्वज को नीचे उतारने के लिए उच्चायोग की दीवारों को लोग फांद रहे हैं। खालिस्तानी तत्वों ने भारतीय ध्वज को नीचे खींचने का प्रयास किया था लेकिन ध्वज को भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने बचा लिया था। तिरंगा नीचे करने और भारतीय उच्चायोग के बाहर किए गए हंगामे को लेकर भारत सरकार ने दिल्ली में स्थित ब्रिटेन के राजनयिकों को तलब किया है। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन स्थित हाई कमीशन पर अब पहले से ज्यादा बड़ा तिरंगा लगा दिया गया है। इस घटना के बाद देश में भारी गुस्सा है।

Kahalistani Indian ambassy Amrit pal Singh supporters Attack Indian flag Tricolour fell down




इस घटना को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमीशन के उप-प्रमुख को तलब किया। उच्चायुक्त एलेक्स एलिस इस समय दिल्ली से बाहर हैं। हाई कमीशन के बाहर खालिस्तान समर्थकों के हंगामे की भारत में ब्रिटेन के राजदूत एलेक्स एलिस ने निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि मैं ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन के लोगों और परिसर में आज के शर्मनाक कृत्य की निंदा करता हूं। गौरतलब कि पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने के लिए शनिवार को ऑपरेशन शुरू किया था। पुलिस ने उसके कई साथियों को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अमृतपाल भागने में सफल रहा। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने में हमला करने, हेट स्पीच और अवैध हथियार रखने को लेकर एफआईआर दर्ज हैं। अब आइए जान लेते हैं कौन है अमृतपाल सिंह जो जरनैल भिंडरावाला की राह पर चल पड़ा है। ‌‌

दीप सिंह सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौट अमृतपाल ने संभाली कमान, बन गया ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख–



‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया अमृतपाल सिंह फरार है। 2 दिन पहले पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया था और पहले खबर भी आई थी कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन बाद में पुलिस ने स्वयं कहा था कि अभी वह पकड़ा नहीं गया है। उसे पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है और पूरे राज्य में उसे तलाश रही है। पंजाब पुलिस का दावा है कि अमृतपाल अभी भी उसकी गिरफ्त से दूर है। वहीं, इस पूरे मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 112 पहुंच गई है। पुलिस ने रविवार को बताया कि पूरे मामले में कई हथियार भी बदामद किए गए हैं, जिनकी वैधता की जांच की जा रही है। इस बीच रविवार रात अमृतपाल सिंह के ड्राइवर और उसके चाचा ने पुलिस के आगे समर्पण कर दिया। पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर देश से लेकर विदेश तक बवाल मचा हुआ है।

अमृतपाल सिंह का जन्म साल 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर गांव में हुआ। अमृतपाल ने 12वीं तक पढ़ाई की है और अपने चाचा के ट्रांसपोर्ट के कारोबार में हाथ बंटाने के लिए 2012 में भारत से दुबई चला गया। वह छह महीने पहले सबकी नजरों में आया। पिछले साल एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिंह सिद्धू की सड़क हादसे में मौत के बाद उसने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभाली और दुबई से लौटकर भारत आया। सिद्धू से अमृतपाल की कभी मुलाकात नहीं हुई लेकिन उसका कहना है कि वह सिद्धू के ऑनलाइन वीडियो से काफी प्रभावित है। साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर प्रदर्शन के दौरान अमृतपाल ने सिद्धू का समर्थन किया था। एक सप्ताह पहले सिद्धू की पहली पुण्यतिथि पर अमृतपाल ने कहा कि उसने अपने बाल काटने बंद कर दिए हैं। नवंबर 2021 में दिवंगत अभिनेता ने इस तरह की सलाह दी थी। पिछले साल 25 सितंबर को अमृतपाल आनंदपुर साहिब गया और ‘अमृतधारी सिख’ बनने के लिए औपचारिक रूप से सिख धर्म अपनाया। एक इंटरव्यू में अमृतपाल ने बताया कि उनका जन्म और पालन-पोषण अमृतसर के जादू खेड़ा गांव में हुआ है। उसकी शादी 10 फरवरी 2023 को बाबा बकाला में हुई। अमृतपाल सिंह के खिलाफ तीन केस दर्ज हैं। दो केस नफरती भाषण और एक केस अपहरण से जुड़ा हुआ है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अमृतपाल सिंह की शादी ब्रिटेन की एनआरआई किरणदीप कौर से हुई है। अमृतपाल अपना पहनावा भिंडरवाला की तरह रखता है। वह उसी अंदाज में पगड़ी पहनता है जैसा कि भिंडरवाला पहनता था। अमृतपाल को लेकर खुफिया विभाग ने जारी किया अलर्ट। दिल्ली और आसपास के इलाकों को सतर्क रहने का आदेश जारी हुआ है। खुफिया विभाग की तरफ से दिल्ली और आसपास के इलाकों में अलर्ट रहने को कहा गया है। खास तौर पर उन इलाकों में जंहा पंजाब के लोग रहते है।


80 के दशक में खालिस्तान की मांग बनाने वाला जरनैल सिंह भिंडरावाला ने पूरे देश को किया था डिस्टर्ब-


पंजाब में 80 के दशक में जरनैल सिंह भिंडरावाला ने पूरे देश को डिस्टर्ब कर दिया था। जरनैल सिंह धर्म और ग्रंथों की शिक्षा देने वाली संस्था ‘दमदमी टकसाल’ का अध्यक्ष चुना गया, उसके बाद उसके नाम के साथ भिंडरावाले जुड़ गया, तब उसकी उम्र करीब 30 साल थी। कुछ ही महीनों बाद भिंडरावाले ने पंजाब में उथल-पुथल पैदा कर दी। 13 अप्रैल 1978 को अकाली कार्यकर्ताओं और निरंकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें 13 अकाली कार्यकर्ताओं की मौत हो गई. इसके बाद रोष दिवस मनाया गया। इसमें जरनैल सिंह भिंडरावाले ने हिस्सा लिया। भिंडरावाले ने पंजाब और सिखों की मांग को लेकर कड़ा रवैया अपनाया। वो जगह-जगह भड़काऊ भाषण देने लगा। 80 के दशक की शुरुआत में पंजाब में हिंसक घटनाएं बढ़ने लगीं। 1981 में पंजाब केसरी के संस्थापक और संपादक लाला जगत नारायण की हत्या हो गई।

जरनैल सिंह भिंडरावाला।


पंजाब में बढ़ती हिंसक घटनाओं के लिए भिंडरावाले को जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
अप्रैल 1983 में पंजाब पुलिस के डीआईजी एएस अटवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ दिन बाद पंजाब रोडवेज की बस में घुसे बंदूकधारियों ने कई हिंदुओं को मार दिया। बढ़ती हिंसक घटनाओं के बीच इंदिरा गांधी ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दिया और राष्ट्रपति शासन लगा दिया। पंजाब में बढ़ती हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए भिंडरावाले को पकड़ना बहुत जरूरी था। इसके लिए इंदिरा गांधी की सरकार ने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ लॉन्च किया। 1984 में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ शुरू किया गया। एक जून से ही सेना ने स्वर्ण मंदिर की घेराबंदी शुरू कर दी थी। पंजाब से आने-जाने वाली रेलगाड़ियों को रोक दिया गया. बस सेवाएं रोक दी गईं। 3 जून 1984 को पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया गया। 4 जून की शाम से सेना ने गोलीबारी शुरू कर दी। अगले दिन सेना की बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक भी स्वर्ण मंदिर पर पहुंच गए। भीषण खून-खराबा हुआ। 6 जून को भिंडरावाले को मार दिया गया। उसके बाद उसी साल खालिस्तानी समर्थकों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या अक्टूबर 1984 को राजधानी दिल्ली स्थित आवास पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। 90 के दशक में पंजाब में धीरे-धीरे स्थित आने लगी और सब कुछ शांत हो गया। लेकिन अब अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर से पंजाब में उथल-पुथल मचा रखी है। ऐसा नहीं है कि अमृतपाल सिंह की गतिविधियों पर केंद्र चुपचाप बैठा है। केंद्र सरकार का एक्शन जल्द ही सामने दिखाई देगा।

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