प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। यह मुलाकात पांच साल बाद हुई जहां दोनों नेताओं ने गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया। इस दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा, “हमने आपको बहुत मिस किया!” इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया, “आपसे फिर मिलकर बहुत अच्छा लगा!”
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मैं अपने मित्र नरेंद्र मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत करके बहुत खुश हूं। वह एक खास व्यक्ति हैं।” पीएम मोदी ने भी ट्रंप के आतिथ्य के लिए आभार जताया और कहा कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए वह उत्साहित हैं। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने अपनी पुरानी दोस्ती को याद किया और भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की।
ट्रंप ने 2020 में अपनी भारत यात्रा को याद करते हुए अहमदाबाद में हुई “नमस्ते ट्रंप” रैली को “यादगार अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि वह भी पीएम मोदी का वैसे ही स्वागत करने के लिए तैयार हैं। इस पर पीएम मोदी ने ट्रंप को अमेरिका में दोबारा राष्ट्रपति बनने की बधाई दी और कहा, “भारत के लोग मुझे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका दिया और मैं आपके साथ मिलकर हमारे संबंधों को और मजबूत करना चाहता हूं।”
इस मुलाकात के दौरान भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों की टीमें भी मौजूद रहीं। पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा शामिल थे। वहीं, ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख एलन मस्क से मिलवाया। व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ डैन स्कैविनो ने इस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और इसे ऐतिहासिक करार दिया।
व्हाइट हाउस जाने से पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी से भी मुलाकात की। पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर फ्रांस से आए हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से भी मुलाकात की थी।
भारत और अमेरिका ने 2005 में रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की थी जिसे 2020 में “व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा मिला। पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीकी सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आज शुक्रवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने कहा कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया और अब उनके दूसरे कार्यकाल में यह साझेदारी और तेजी से आगे बढ़ेगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना “बहुत अच्छा दोस्त” बताते हुए कहा कि वह भारत के साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “हम भारत को और अधिक तेल और गैस निर्यात करने जा रहे हैं। हमारे पास इसकी भरपूर आपूर्ति है और भारत को इसकी जरूरत है।”
पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने आते ही मुझे अहमदाबाद के उस बड़े स्टेडियम की याद दिलाई जहां 2020 में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम हुआ था। इसी तरह 2019 में ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की गूंज आज भी भारत में सुनाई देती है। ट्रंप ने पहले कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई और मुझे पूरा विश्वास है कि उनके दूसरे कार्यकाल में हम इसे और तेजी से आगे बढ़ाएंगे।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैंने भारत के नागरिकों से वादा किया है कि अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना गति से काम करूंगा। इसी तरह राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर हम भारत-अमेरिका संबंधों को दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ाएंगे।”
उन्होंने ट्रंप की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप की एक बात जिसकी मैं गहराई से सराहना करता हूं, वह यह है कि वह हमेशा अपने राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च मानते हैं। उनकी तरह मैं भी भारत के राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखता हूं।” व्हाइट हाउस में हुई इस मुलाकात में व्यापार, ऊर्जा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि दोनों देश 2025 तक एक व्यापक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय चर्चा के बाद व्हाइट हाउस में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। यहीं पर प्रधानमंत्री ने अमेरिका के मागा और भारत के मिगा से कनेक्ट करते हुए साझेदारी को मेगा नाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ को भारत के ‘विकसित भारत संकल्प’ का पर्याय बताया।
भारत और अमेरिका का सहयोग एक बेहतर विश्व को शेप कर सकता है
इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा, “आज की चर्चाओं में उनके पहले कार्यकाल में हमारे उपलब्धियों का संतोष और गहरे आपसी विश्वास का सेतु था और नए लक्ष्य हासिल करने का संकल्प भी था। भारत और अमेरिका का सहयोग एक बेहतर विश्व को शेप कर सकता है… अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो मागा – ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से परिचित हैं। भारत के लोग भी विरासत और विकास की पटरी पर ‘विकसित भारत 2047’ के दृढ़ संकल्प को लेकर तेज गति शक्ति से विकास की ओर अग्रसर हैं। अमेरिका की भाषा में कहूं तो विकसित भारत का मतलब ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ यानि ‘मिगा’ है। जब अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम करते हैं, यानि मागा प्लस ‘मिगा’, तब बन जाता है – “मेगा” पार्ट्नर्शिप फॉर प्रोस्पेरिटी और यही मेगा हमारे लक्ष्यों को नया स्केल और स्कोप देती है।”
दोनों नेताओं ने भविष्य की रणनीति सबके समक्ष रखी
इस साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने भविष्य की रणनीति सबके समक्ष रखी। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पों को “काफी हिंसक” बताते हुए इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों को भी साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया में शांति बनी रहे।दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी होगी और गहरी अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था। अब यह देखना बाकी है कि ट्रंप भारत-चीन विवाद में अपनी मध्यस्थता की पेशकश को कितनी गंभीरता से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी और गहरी होगी।
भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा और भविष्य में भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2017 में उनके प्रशासन ने क्वाड सुरक्षा साझेदारी को फिर से सक्रिय किया, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी
उन्होंने कहा कि यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए पहले से ज्यादा मजबूती से साथ काम करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने की तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की भी घोषणा की। राणा पर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है, और हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इससे भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है