PM Modi Uttrakhand visit गंगा की गोद में पीएम मोदी ने देवभूमि को फिर दिया नया "आइडिया", हर्षिल और मुखवा पहुंचे प्रधानमंत्री ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
March 6, 2025
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उत्तराखंड राष्ट्रीय

PM Modi Uttrakhand visit गंगा की गोद में पीएम मोदी ने देवभूमि को फिर दिया नया “आइडिया”, हर्षिल और मुखवा पहुंचे प्रधानमंत्री ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मझे हुए नेता के साथ नए-नए आइडिया और ब्रांडिंग करने के लिए भी देश-दुनिया में जाना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ऐसी नई-नई बात कर जाते हैं जिसका पहले किसी को न विचार आता है न ख्याल आता है। सबसे खास बात यह भी है कि पीएम का कहने का अंदाज जोश भरा रहता है। उनकी कही गई बातें का एक क्षेत्र में न होकर पूरे देश भर में सुर्खियों में आ जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 6 मार्च साल 2025 को एक बार फिर अपने प्रिय राज्य उत्तराखंड (देवभूमि) पहुंचे। देवभूमि उत्तराखंड से विशेष अनुराग रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गंगोत्रीधाम के शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा आए थे। उन्‍होंने यहां मां गंगा की पूजा-अर्चना की तथा हर्षिल में जनसभा को भी संबोधित किया। बता दें कि पिछले सवा तीन साल में प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड का यह 13वां दौरा था ।


गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे। देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतरने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया। यहां से पीएम मोदी हर्षिल के लिए रवाना हुए। उन्होंने उत्तरकाशी जिले के मुखवा में गंगा आरती की और पूजा-अर्चना की। मुखवा मां गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल है। पीएम मोदी का यह दौरा शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है। मुखवा पहुंचे पीएम मोदी ने यहां पूजा-अर्चना और गंगा आरती की। मां गंगा का मायका माने जाने वाले मुखबा में मां गंगा की शीतकालीन पूजा की जाती है। गर्मियों में मां गंगा की पूजा गंगोत्री मंदिर में की जाती है। जबकि सर्दियों के दौरान कपाट बंद होने के बाद उनकी मूर्ति को मुखबा लाया जाता है। मुखबा गंगोत्री मंदिर के रास्ते में स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां गंगा के शीतकालीन निवास मुखवा में बर्फ से ढके पहाड़ों की खूबसूरती का दीदार किया और यहां जुटे लोगों का अभिवादन भी किया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाओं ने यहां पर उनका भव्य स्वागत किया। पीएम मोदी की एक झलक पाने को लोग बेताब थे। हर्षिल में पहली बार ऐसा मौका है जब कोई देश का प्रधानमंत्री यहां पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री को देखने के लिए हर्षिल और आसपास के हजारों लोग पहुंचे। पीएम मोदी ने भी देवभूमि में खूब प्यार लुटाया ।


प्रधानमंत्री ने कहा कि मां गंगा की कृपा से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से मैं काशी तक पहुंचा, अब सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूं। मैंने काशी में कहा भी था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है कुछ महीने पहले मुझे यह अनुभूति हुई कि जैसे में मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है यह मां गंगा का ही दुलार है, अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूं । हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी देवभूमि आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई है। चारों धामों और अनंत तीर्थों से धन्य, जीवनदायिनी मां गंगा के इस शीतकालीन स्थल पर आज एक बार फिर आकर और आप सभी से मिलकर मैं धन्य हो गया हूं। प्रधानमंत्री ने दिए भूमि को एक बार फिर नया आइडिया देते हुए कहा “सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है। सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। यह स्पेशल इवेंट बन सकता है। गढ़वाली में इसे क्या घाम तापो पर्यटन कहेंगे? पीएम मोदी के ये कहते ही वहां सीटियां बजने लगीं। पीएम ने कहा कि मैं कंपनियों से कहना चाहता हूं कि वे अपने बड़े-बड़े सेमिनार, कॉन्फ्रेंस के लिए उत्तराखंड आएं।”हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाना बहुत जरूरी है। इसे बारहमासी, 365 दिन बनाए रखना होगा। अब किसी भी सीजन में उत्तराखंड का टूरिज्म ऑफ नहीं, ऑन रहेगा। धार्मिक यात्रा के लिए उत्तराखंड में सर्दियों का मौसम सबसे बेस्ट है। हर मौसम में पर्यटन चालू रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “उत्तराखंड की प्रगति के लिए यहां नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं के साथ उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए हमने जो संकल्प लिए थे, वह संकल्प आज नई सफलताओं की ओर बढ़ते हुए सिद्ध हो रहे हैं। शीतकालीन पर्यटन इस दिशा में एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है, इसके जरिए उत्तराखंड की आर्थिक संभावनाओं को साकार करने में मदद मिलेगी, मैं इसके लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा, जब मैं केदारनाथ के दर्शन के लिए बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्जन के बाद मेरे मुंह से कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वे शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूं कि बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वे शब्द सच्चाई में बदल रहे हैं। यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव कहा जाता था। हमने यह सोच बदल दी। हमने कहा यह हमारे आखिरी गांव नहीं है, अब यह हमारे प्रथम गांव हैं। हमने वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही है। चार धाम ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेसवे, राज्य में रेलवे, विमान और हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 सालों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। कल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड के लिए केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है। पीएम मोदी ने कहा उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा – इस दौरे से अर्थव्यवस्था, होमस्टे टूरिज्म, बॉर्डर एरिया के गांव के डेवलपमेंट को गति मिलने की उम्मीद है।प्रधानमंत्री के मुखवा व हर्षिल के दौरे को राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ ही शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के इन स्थलों का दौरा करने से स्वाभाविक रूप से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग भी की ।

1962 में युद्ध के दौरान उत्तरकाशी जिले के दो गांवों, माणा और जादुंग को टूरिस्ट प्लेस बनाया जाएगा–


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराए गए गांवों के पुनर्वास के लिए एक अभियान शुरू किया है। हर्षिल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1962 में युद्ध के दौरान उत्तरकाशी जिले के दो गांवों, माणा और जादुंग, को खाली करा लिया गया था, और सरकार उन्हें प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रयास कर रही है। लोग जानते होंगे कि जब 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया था, तब हमारे इन दो गांवों को खाली कराया गया था। लोग भूल गए हैं, लेकिन हम नहीं भूल सकते। हमने इन दोनों गांवों के पुनर्वास के लिए एक अभियान शुरू किया है और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों को भी पर्यटन के विशेष लाभ मिलें। पहले सीमावर्ती गांवों को अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन हमने इस सोच को बदला। हमने कहा कि ये आखिरी नहीं, बल्कि हमारे प्रथम गांव हैं। इनके विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम शुरू किया गया। इस योजना में इस क्षेत्र के 10 गांवों को भी शामिल किया गया है। पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लोगों से कहा, “केंद्र और राज्य की हमारी सरकारें उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।” उन्होंने पिछले दशक में चार धाम ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेसवे और राज्य में रेलवे, हवाई और हेलीकॉप्टर सेवाओं के विस्तार सहित महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है। पीएम मोदी ने कहा कि केदारनाथ रोपवे यात्रा के समय को 8-9 घंटे से घटाकर लगभग 30 मिनट कर देगा, जिससे खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए यात्रा अधिक सुलभ हो जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन रोपवे परियोजनाओं में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

पहाड़ियों में इको-लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर और हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “टिम्मर-सैन महादेव, माणा गांव और जादुंग गांव जैसे स्थानों में पर्यटन इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का नए सिरे से विकास किया जा रहा है।”

उन्होंने बताया कि 2014 से पहले, औसतन 18 लाख तीर्थयात्री सालाना चार धाम यात्रा पर आते थे, जो अब बढ़कर लगभग 50 लाख तीर्थयात्री प्रति वर्ष हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में 50 पर्यटन स्थलों को विकसित करने और इन स्थानों पर होटलों को आधारभूत संरचना का दर्जा देने का प्रावधान शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पहल से पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा। पीएम मोदी ने राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने पर उत्तराखंड सरकार के ध्यान की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दशकों से इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर से वंचित गांवों में अब नए होमस्टे खुल रहे हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है और स्थानीय निवासियों की आय में वृद्धि हो रही है।इससे पहले गरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना के विशेष विमान से देहरादून एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से वह कुछ देरी में हर्षिल के लिए रवाना हुए। देहरादून एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आदि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।

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