सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। वहीं INDIA कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले। राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने INDIA के 315 सांसदों के मतदान का दावा किया था, जिससे INDIA गठबंधन के प्रत्याशी को 15 वोट कम मिले। BRS और BJD ने चुनाव में भाग नहीं लिया, जबकि राज्यसभा में बीआरएस के 4 और BJD के 7 सांसद हैं। लोकसभा में इकलौते सांसद वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब में बाढ़ के चलते वोट डालने से इनकार कर दिया।
धनखड़ ने 21 जुलाई को खराब सेहत का हवाला देकर उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान राधाकृष्णन 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने। 1998 की जीत खास थी, क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी और भाजपा को तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें मिलीं। 2004-2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार थे, जहां 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। 2016-2020 तक वे केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन रहे। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के रूप में भी सक्रिय रहे।