अगर पिछले कुछ वर्षों से देखें तो भारत में बहुत हद तक आतंकवाद नियंत्रण में है। 80 के दशक से शुरू हुए आतंकवाद ने देश को कई बार चोट दी है। आतंकी समस्या से दुनिया के तमाम देश प्रभावित हैं। भारत को कई बार इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है। इसके साथ पंजाब और जम्मू कश्मीर में कई नेताओं की जान भी चली गई है। इसके साथ आतंकवादियों की गोलियों के बेकसूर लोग भी शिकार हुए हैं। देश में आज ‘राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस’ मनाया जा रहा है। आज भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। संसद भवन और मुंबई समेत कई शहरों में हुए आतंकी हमलों ने भारत को गहरा जख्म दिया है। इसके साथ आतंकी घटनाओं में कई नेताओं को जान गंवानी पड़ी । 80 के दशक में पंजाब आतंकवाद से बुरी तरह जल रहा था। इस दौरान पंजाब में कई नेताओं की आतंकवादी हमलों में जान चली गई । संत हरचंद सिंह लौंगोवाल ने राजीव-लौंगोवाल समझौता करके पंजाब व पंजाबियत की तरक्की व शांति के लिए अहम योगदान पाया। संत लौंगोवाल के जीवन का मकसद पंजाब में अमन शांति को बनाए रखना था। लेकिन आतंकवादियों ने संत हरचंद सिंह लौंगोवाल की हत्या कर दी। इनके अलावा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की भी हत्या कर दी गई । पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर 31 अगस्त 1995 को हुए विस्फोट में पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य की मौत हो गई थी। हालांकि पंजाब में पिछले दो दशक से आतंकवाद का सफाया हो चुका है। लेकिन जम्मू कश्मीर आज भी आतंकवाद से प्रभावित है। हालांकि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया हुआ है। आज 21 मई है। यह दिन पूरे देश भर में ‘राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस’ (नेशनल एंटी-टेररिज्म डे) के रूप में मनाया जा रहा है । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी आज पुण्यतिथि है। यह दिन शांति, सद्भाव और मानव जाति के संदेश को फैलाने और लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है। राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी ने देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे।
बता दें कि 31 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज के ही दिन 21 मई 1991 में हत्या हुई थी। श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) उनसे नाराज था। राजीव गांधी 1991 में लोकसभा चुनाव का प्रचार करने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर गए थे। वहां हार पहनाने के बहाने लिट्टे की महिला आतंकी धनु ने राजीव गांधी के पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। राजीव और धनु समेत 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस देश में साल 2002 से मनाया जा रहा है–
यह पहली बार साल 2002 में भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले के एक साल बाद मनाया गया । ये दिन आतंकवाद के पीड़ितों को याद करने और आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा से दूर करना है। इसके अलावा उन्हें बताया जाएगा कि उनकी एक गलती किस तरह से राष्ट्रीय समस्या बन सकती है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने के लिए निर्देश दिए हैं। जारी किए गए निर्देश के अनुसार देश के सभी कार्यालयों सार्वजनिक क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी शपथ भी दिलाई जाएगी।