बड़ी खबर : Malegaon Blast Case Verdict : मालेगांव बम धमाके में 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, सभी आरोपी बरी - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
August 2, 2025
Daily Lok Manch
Recent राष्ट्रीय

बड़ी खबर : Malegaon Blast Case Verdict : मालेगांव बम धमाके में 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, सभी आरोपी बरी

Malegaon Blast Case Verdict: एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में आज अपना फैसला सुनाया। अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। एनआईए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह तो साबित कर दिया कि मालेगांव में विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं कर पाया कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था। अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि घायलों की संख्य 101 नहीं, बल्कि 95 साल थी और कुछ मेडिकल सर्टिफिकेट में हेराफेरी की गई थी।

अदालत ने क्या-क्या कहा?

अदालत ने कहा, इस मामले में यूएपीए लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि नियमों के अनुसार मंज़ूरी नहीं ली गई थी। मामले में यूएपीए के दोनों मंज़ूरी आदेश दोषपूर्ण हैं। श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई सबूत नहीं मिला है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी ने घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया था। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ और एकत्र नहीं किया गया था। नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और विश्वसनीय नहीं हैं। विस्फोट में कथित रूप से शामिल बाइक का चेसिस नंबर स्पष्ट नहीं था। अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से ठीक पहले वह साध्वी प्रज्ञा के पास थी।

विशेष NIA कोर्ट के जज ए.के. लाहोटी इस मामले में फैसला सुनाया। 2008 का मालेगांव बम धमाका देश के सबसे विवादित और चर्चित आतंकी मामलों में से एक रहा है। ये केस इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें पहली बार हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द का राजनीतिक और सामाजिक विमर्श में प्रवेश हुआ था। इसे लेकर भारी सियासी विवाद मचा था।

इस मामले में मुख्य आरोपी

1.साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

2. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित

3.रमेश उपाध्याय

4.अजय राहिरकर

5.सुधाकर द्विवेदी (उर्फ दयानंद पांडे)

6.सुधाकर चतुर्वेदी

7.समीर कुलकर्णी

17 साल पुराना मामला

महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव शहर में हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत और 100 से ज़्यादा घायल होने के लगभग 17 साल बाद फैसला आया है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया था।

कौन-कौन थे आरोपी?

मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी इस मामले के अन्य आरोपी हैं। इस मामले की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोपियों के लिए उचित सजा की मांग की है। 2018 में शुरू हुआ यह मुकदमा 19 अप्रैल, 2025 को पूरा हुआ और मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया गया। 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित इस कस्बे में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में हुए विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज़्यादा घायल हुए थे।

एनआईए ने अपनी अंतिम दलील में कहा था कि मालेगांव, जो एक बड़ी मुस्लिम आबादी वाला शहर है, में विस्फोट षड्यंत्रकारियों द्वारा मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग को आतंकित करने, आवश्यक सेवाओं को बाधित करने, सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और राज्य की आंतरिक सुरक्षा को ख़तरे में डालने के लिए किया गया था।

Related posts

दर्दनाक हादसा : बिहार के वैशाली में बेकाबू ट्रक ने 12 लोगों की ली जान, राष्ट्रपति, पीएम और सीएम ने घटना पर जताया गहरा शोक

admin

Vice President of India Race : देश में अगला उपराष्ट्रपति कौन ! अब हाईकमान ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे और वर्तमान में राज्यपाल की जिम्मेदारी निभा रहे का नाम रेस में सबसे आगे, दोनों ही पीएम मोदी-अमित शाह की गुड लिस्ट में

admin

26 नवंबर, मंगलवार का पंचांग और राशिफल

admin

Leave a Comment