(independence day) : आज पूरा देश 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी का जश्न मना रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर जगह तिरंगा शान से लहराया हुआ है। इस बार स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में अलग है। मोदी सरकार की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस मौके सड़कों पर स्कूली बच्चे और लोग अपने-अपने वाहनों में (तिरंगा 🇮🇳🇮🇳) लगाकर दिखाई दे रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले की प्राचीर से 9वीं बार संबोधित किया। हर बार की तरह इस बार भी पीएम मोदी 15 अगस्त के दिन अपने सर पर पहना “साफा” को लेकर सुर्खियों में रहे। इस बार उन्होंने तिरंगा वाला साफा पहना। देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है।
भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत- जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। मुझे इसके खिलाफ लड़ाई को तेज करना है। मुझे 130 करोड़ भारतीयों का साथ चाहिए, ताकि मैं इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकूं। इसलिए मेरे देशवासियों ये चिंता का विषय है, भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है। लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई चेतना नहीं दिखती। भाई-भतीजावाद की बुराई- जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। एक तरफ वो लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दूसरे वे लोग हैं। जिनके पास लूटी हुई रकम रखने की जगह नहीं है। हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूटकर भाग गए। हम उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं। कई लोग जेल में हैं। हमारी कोशिश है कि जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके लिए ऐसी स्थिति बनाई जाए, कि उन्हें लूटा हुआ पैसा लौटाना पड़े।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान पर जोर की जरूरत है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने “जय जवान जय किसान” के साथ जय विज्ञान जोड़ा था, आज पीएम मोदी ने जय अनुसंधान जोड़कर एक शब्द और जोड़ दिया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर मेरे मन में एक पीड़ा है जिसे मैं आपके लोगों के सामने कह रहा है। यह पीड़ा अगर देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा। देश में किसी न किसी वजह से हो रहे महिलाओं का अपमान ठीक नहीं है। इसे हम सभी को रोकना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं का गौरव राष्ट्र के सपने को साकार करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है। यह सामर्थ्य मैं देख रहा हूं।
अब देश को कड़े संकल्प लेकर ही चलना होगा–
आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो पिछले 75 साल में देश के लिए जीने-मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले चाहे सेना के जवान हों, पुलिसकर्मी हों, जन प्रतिनिधि हों, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के प्रशासक रहे हों। आकांक्षी समाज किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति होता है। देश का हर नागरिक चीजों को बदलना चाहता है और बदलाव देखना चाहता है। वे अपनी आंखों के सामने बदलाव देखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। ये ‘पंच प्रण’ हैं – 1-अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा और वो बड़ा संकल्प है ‘विकसित भारत’। 2- किसी भी कोने में, मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी। 3- हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। 4- एकता और एकजुटता और 5-नागरिकों का कर्तव्य।
महात्मा गांधी के सपनों को पूरा कर रहा हूं–
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी का आखिरी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का सपना था, मैंने अपने महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मैं पहला व्यक्ति था, जिसे लाल किले से देशवासियों के गौरवगान करने का मौका मिला था। जितना आपसे सीखा है, आपको जान पाया हूं। आपके सुख-दुख को जान पाया हूं। उसे लेकर मैंने पूरा कालखंड उन लोगों के लिए खपाया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने बड़ा संकल्प लिया था। आजादी का हम आजाद हो गए, ये इसलिए हुआ क्योंकि संकल्प बहुत बड़ा था, अगर संकल्प सीमित होता तो शायद आज भी संघर्ष कर रहे होते।प्रधानमंत्री ने कहा हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया। अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों ने देश के हर कोने में लक्ष्यावधि कार्यक्रम किए। शायद इतिहास में इतना विशाल, व्यापक, लंबा एक ही मकसद का उत्सव मनाया गया हो। वो शायद एक पहली घटना हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है। हमनें जो कौशल्य पर बल दिया है, ये एक ऐसा सामर्थ्य है, जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा। भाषण खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से आए बच्चों से मुलाकात की। वहीं दूसरी ओर देश के सभी राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने अपनी अपनी राजधानी में तिरंगा फहराया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में तिरंगा फहराया। ऐसे ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली में तिरंगा फहराया। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में तिरंगा फहराया।